कौशल विकास प्रदर्शनी में प्रदेश के हुनरमंद हाथों की कलाकृतियां बनी आकर्षण का केन्द्र : मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टालों में जाकर बढ़ाया युवाओं का हौसला
रायपुर, विश्व युवा कौशल विकास दिवस के अवसर पर आयोजित कौशल विकास प्रदर्शनी में रायपुर सहित प्रदेश के सभी पांच राजस्व संभागों के जिलों में युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए चल रहे विभिन्न प्रकल्पों की दिलचस्प झांकियां देखने को मिली। प्रदर्शनी का आयोजन स्थानीय बूढ़ातालाब (विवेकानंद सरोवर) के सामने इंडोर स्टेडियम में किया गया, जहां छत्तीसगढ़ कौशल ओलम्पियाड 2018 में चयनित प्रतिभागियों ने भी विभिन्न कलात्मक वस्तुओं के माध्यम से अपने हाथों के हुनर का रोचक प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री के साथ तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, संसदीय सचिव श्री तोखन साहू, विधायक श्री श्रीचन्द सुन्दरानी ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस आयोजन में दंतेवाड़ा के महिला स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित शहद, बेलमेटल, काष्ठ शिल्प की कलाकृतियां और पैरा तथा धान से तैयार सजावटी वस्तुुएं भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र थी। बड़ी संख्या में युवाओं के समूह स्टालों पर जाकर कलाकृतियों और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं की गतिविधियों की जानकारी ले रहे थे। इस प्रदर्शनी का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा कल छत्तीसगढ़ कौशल ओलिंपियाड 2018 के पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर किया गया। स्टालों में कौशल उन्नयन प्राप्त युवाओं द्वारा तैयार कलाकृतियों और सामग्रियों के साथ विभिन्न जिलों में युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दे रही संस्थाओं ने भी मॉडलों के माध्यम से अपनी गतिविधियों को प्रदर्शित किया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्टालों के अवलोकन के दौरान विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं के प्रतिनिधियों से उनकी गतिविधियों और कौशल उन्न्यन प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं से उनके काम-काज के बारे में जानकारी प्राप्त की।
छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बस्तर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और रायपुर संभाग में कौशल विकास कार्यक्रमों पर केन्द्रित प्रदर्शनी लगायी गयी थी। बस्तर संभाग के स्टाल में बांस शिल्प, काष्ठ शिल्प और लौह शिल्प से युवाओं द्वारा तैयार आकर्षक कलाकृतियां प्रदर्शित की गई थी। इस स्टाइल में दंतेवाड़ा में व्यावसायिक प्रशिक्षण देने वाली संस्था प्रगति प्रयास सामाजिक सेवा संस्थान द्वारा द्वारा जिले के महिला स्व सहायता समूह द्वारा किए जा रहे हैं मधुमक्खी पालन और शहद प्रसंस्करण की प्रक्रिया को मॉडलों और चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। स्टाल में वनों में उत्पादित शहद और हनी बॉक्स में उत्पादित शहद आकर्षक पैकिंग में प्रदर्शन के लिए रखा गया था। संस्था के श्री नरेंद्र में बताया कि दंतेवाड़ा जिले के 25 गांव में विभिन्न महिला स्व सहायता समूह द्वारा मधुमक्खी पालन और शहद प्रसंस्करण का काम किया जा रहा है । इन समूहों से आदिवासी अंचल की लगभग ढाई हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। महिलाओं द्वारा उत्पादित शहद की मांग मुंबई और दिल्ली जैसे बड़े शहरों में है। इस व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं को हर माह लगभग दो से तीन हजार रुपए की आमदनी हो रही है ।
दुर्ग संभाग के स्टाल में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता संस्था आई.सी.आई.सी.आई.फाउंडेशन भिलाई द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में रेफ्रिजरेशन का मॉडल प्रदर्शित किया गया था। इस फाउंडेशन द्वारा युवाओं को रेफ्रिजरेशन, विक्रय कौशल, कार्यालय प्रबंधन, सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग, घरेलू इलेक्ट्रिकल उपकरण सुधार और पेंट टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है । वर्ष 2013 से यह फाउंडेशन अब तक 4480 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर चुकी है, इनमें से 4452 युवा रोजगार या स्वरोजगार से जुड़ चुके हैं।
दुर्ग संभाग के स्टाइल में बांस और काष्ठ शिल्प की कलाकृतियों के साथ पैरा और धान से तैयार वॉल हेंगिंग, गिफ्ट आयटम जैसी कलाकृतियां प्रदर्शित की गई थी। पैरा और धान से कलाकृतियां तैयार करने के लिए बेमेतरा स्थित भास्कर फाउंडेशन द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 60 युवाओं को प्रशिक्षण मिल चुका है। राजनांदगांव जिले में रुचि व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता संस्था द्वारा अब तक 1000 युवाओं को फैशन डिजाइनिंग का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, इनमें से लगभग 600 युवा स्वरोजगार से जुड़ चुके हैं । इनके स्टाइल पर युवाओं द्वारा तैयार कपड़े के बैग और परिधान प्रदर्शित किए गए थे।
सरगुजा संभाग के स्टाल में विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा निर्माण कार्य, फेब्रिकेशन, इलेक्ट्रिकल उपकरण, सॉफ्ट टॉय मेकिंग जैसे ट्रेडों पर केंद्रित मॉडल और सामग्री प्रदर्शित की गई थी। निर्मला एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा 1552 युवाओं को निर्माण कार्य का प्रशिक्षण दिया गया था, जिनमें से 1294 युवा और फेब्रिकेशन का प्रशिक्षण प्राप्त 152 युवाओं में से 133 युवा स्वरोजगार से जुड़ चुके हैं। बिलासपुर संभाग के स्टाल में बिलासपुर लाइवलीहुड कॉलेज से कौशल उन्नयन प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं द्वारा द्वारा रेग्जीन और लेदर बैग की प्रदर्शनी लगाई गई थी। महिलाओं ने बताया कि अलग-अलग आकार के बैग एक सौ रुपए से चार सौ रुपए तक की कीमत पर बेचे जा रहे हैं। कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर अब वे भी परिवार को आर्थिक सहयोग प्रदान कर पा रही है। बिलासपुर संभाग के स्टाल में रायगढ़ जिले के ग्राम जोरा के बेलमेटल शिल्पियों द्वारा तैयार कलाकृतियों का और मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के शिल्पियों ने काष्ठ और बांस से तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई थी। रायपुर संभाग के स्टाल में श्रीविद्या फाउंडेशन भाटापारा देवरी प्रशिक्षण प्रदाता संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं ने बांस शिल्प से तैयार वस्तुओं और हैंडलूम वस्त्रों की प्रदर्शनी लगाई थी। इस स्टॉल पर उपस्थित पेस फाउंडेशन धमतरी के प्रतिनिधि ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा युवाओं को अतिथि सत्कार, निर्माण कार्य, इलेक्ट्रिकल सेक्टर में कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक प्रशिक्षण प्राप्त 1222 युवाओं में से 1164 युवा रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ चुके हैं। रायपुर संभाग के स्टॉल पर मैट्स विश्वविद्यालय में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं ने सौर ऊर्जा से पावर जनरेशन का मॉडल प्रदर्शित किया था। जिसमें विद्युत उत्पादन के लिए सोलर पैनल और विंड टरबाइन का समन्वित उपयोग किया गया था।