पावर कंपनी में छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों का शोषण : कांग्रेस
रायपुर/ छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को सब स्टेशन आपरेटर बनाकर उनका शोषण का आरोप लगाते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने इसके लिये विद्युत विभाग तथा इसका प्रभार जो मुख्यमंत्री के पास है को जिम्मेदार बताया है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनीज के 132/220 केवी तथा 33/11 केवी के सब स्टेशनों का संचालन पहले छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल विभागीय कर्मचारियों के द्वारा कराया जाता था। जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में सत्ता में आई तब से सब स्टेशन के संचालन का कार्य ठेकेदारी प्रथा के द्वारा कराया जा रहा है तथा ठेकेदार अपनी मनमानी कर रहे है। ठेकेदारों को विद्युत कंपनी के उच्च अधिकारियों शह मिला हुआ है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में 132/220 के लगभग 200 सब स्टेशन है तथा 33/11 केवी के लगभग 1000 सब स्टेशन है, जिसमें हजारों कर्मचारी काम कर रहे है। इन सब स्टेशन में कार्य करने वाले ठेकेदार के द्वारा नियुक्त ऑपरेटर पिछले 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें पिछले 6 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है, ऑपरेटर को कलेक्टर रेट से भुगतान किया जाना चाहिये। वेतन नहीं मिलने से उन्हें अपने जीवन-यापन को चलाने में भारी दिक्कतें आ रही है। ऑपरेटरों ने यह भी आरोप लगाया है कि उनकी ईपीएफ राशि काटी जाती है, परंतु उनका ईपीएफ नंबर उन्हें नहीं बताया जाता। ऑपरेटरों ने यह भी आरोप लगाया है कि उनको विद्युत सब स्टेशन जैसे जोखिम वाले काम करने पड़ते है परंतु कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराये जाते। रीडिंग आदि लिखने के लिये स्टेशनरी नहीं दी जाती। मेडिकल की सुविधा ईएसआई के माध्यम से नहीं मिल रही है। यह आपरेटर कई वर्षो से पावर कंपनी के सब स्टेशनों में काम कर रहे है, जिनकी सुविधाओं की ओर देखने वाला कोई नहीं है।
कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों का शोषण बंद किया जाये तथा उनको भी समाज में सम्मान से जीने खाने दिया जाये परंतु भारतीय जनता पार्टी की सरकार बेरोजगारों का खिलवाड़ कर रही है।