खाद्य और योजना मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने किया राज्य योजना आयोग की कार्यशाला का शुभारंभ
सतत विकास के लक्ष्यों पर हुआ गंभीर विचार-मंथन
रायपुर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति ग्रामोद्योग और योजना विभागों के मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने आज यहां पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान (निमोरा) में मुंगेली, कोरबा, राजनांदगांव और महासमुंद की जिला योजना समितियों के सदस्यों की एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला राज्य योजना आयोग द्वारा आयोजित की गयी ।
कार्यशाला में जिलों के सतत विकास के लक्ष्यों पर गंभीर विचार-मंथन किया गया। श्री मोहले ने सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिलों के सतत विकास के लिए समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर उस पर गंभीरता से अमल करने की जरूरत है। इसमें जिला योजना समितियों के प्रत्येक सदस्य को सजग होकर अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। श्री मोहले ने कहा- सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि जिला योजना समितियों के
सदस्य सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी रखें और जरूरतमंद लोगों तक उनका लाभ पहुंचाने का प्रयास करें। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष पहल पर राज्य योजना आयोग द्वारा प्रदेश की सभी 27 जिला योजना समितियों के सदस्यों के लिए राजधानी रायपुर के नजदीक ग्राम निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल सिंह पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में अलग-अलग तारीखों में राजस्व संभागवार प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। सतत विकास के लक्ष्यों पर केन्द्रित कार्यशालाओं की यह अंतिम कड़ी थी, जिसके प्रथम सत्र की अध्यक्षता डीबेट भोपाल के कार्यकारी निदेशक श्री अमिताभ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि जिलों की वार्षिक विकास योजनाओं का प्रारूप राज्य का वार्षिक बजट बनने के पहले तैयार कर लिया जाए, ताकि हर विभाग संबंधित जिले की कार्ययोजना के आधार पर वहां के प्रस्तावों को विभागीय बजट में शामिल कर सकते हैं।
राज्य योजना आयोग के सदस्य श्री पी.पी. सोती ने कहा कि प्रत्येक जिला योजना समिति के लिए उप समितियों का भी गठन किया जाना चाहिए। श्री सोती ने जिला योजना समितियों कि स्थायी समितियों में विषय विशेषज्ञों को भी शामिल करने की जरूरत पर बल दिया। कार्यशाला को जिला पंचायत राजनांदगांव के अध्यक्ष श्रीमती चित्ररेखा वर्मा, जिला पंचायत महासमंुद की उपाध्यक्ष श्रीमती रूप साहू तथा राज्य योजना आयोग की ओर से डॉ. आलोक सूर और डॉ. जे.एस. विरदी सहित सर्वश्री एल.के.शर्मा, ऋषिराज शर्मा, मुक्तेश्वर सिंह और देवीदास निमजे ने भी सम्बोधित किया।