October 22, 2024

सभी आपस में भाईचारे प्रेम व सद्भाव से रहे-लखनलाल

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हिंदू,मुस्लिम, शिख,ईसाई हम सब है भाई-भाई

मनेन्द्रगढ़,प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़े उत्साह व उमंग के साथ मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व ईद-उल-फ़ित्र के अवसर पर भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष लखनलाल श्रीवास्तव के द्वारा ईद व सर्वधर्म मिलन का कार्यक्रम राजिस्थान भवन में सभी धर्मों के नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित हुआ। ईद-उल-फ़ित्र मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। रमजान के महीने में सभी मुस्लिम समुदाय के लोग रोज़ा रखते है, इसके अंत में एक महीने के कठिन उपवास के बाद यह पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। ईद-उल-फ़ित्र को मीठी ईद भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है, ख़ुशी।रविवार को कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म के वरिष्ठजनों का फूलमाला साल व

श्रीफल भेट कर स्वागत किया गया। व मंच संचालक कर रहे कासिम फूलमाला ने अपने शायराना अंदाज़ में शायरी सुनाकर आये अतिथियों का मन मोह लिया। तत्पश्चात लखनलाल श्रीवास्तव ने कहा कि आज सभी धर्म के लोग एक साथ एकत्रित है, यह काफ़ी ख़ुशी की बात है। भारत देश में विविधता में भी एकता है, जहाँ हिन्दू,मुस्लिम, शिख, ईसाई, बौद्ध, जैन व अन्य सम्प्रदाय के लोग निवासरत है। सर्वधर्म अपने-अपने देवी-देवताओ की पूजा-अर्चना भले ही अलग़ करते है, पर मजहब हम सभी का एक है। क्योंकि मजहब नहीं शिखाता आपस में बैर करना धर्म आपस में जोड़ने का काम करता है,पर कुछ सियासित चालो ने विभाजन के कगार पर हमें खड़ा कर दिया है। पर हम सभी को सजग  रहना है, कोई बंटवारा हमें अलग़ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भारत में अनेकता में एकता है। यहाँ राष्ट्रीयता के कारण हम सब एक है, यहाँ सभी धर्म के लोग गुलशन फ़ूल के रूप में अपनी-अपनी सुगंध में एकता के सन्देश को फैला रहे है। देश में जितने भी धर्म है। सभी को पष्ट व्यक्ति को सही रास्ते पर लाना हर धर्म का मूल होता है। सभी धर्म के लोग आपसी प्रेम भाईचारा, व विश्व बंधुत्व के साथ रहना होगा। मुस्लिम समुदाय मादरेवतन के साथ चलता है। भारत देश एक है,

और एक रहेगा ज़ो विरासत में मिला है, वह देश आने वाले समय पर विश्वगुरु बनेगा। अन्य देशों की भांति भारत देश में अमन-चैन सुख शांति का प्रतीक। सारे धर्म के लोगो को एक साथ बैठकर विश्व में कौमी एकता को फैलाये, हर धर्म अच्छा रास्ता दिखाता है। ईसाई धर्म के फ़ादर कुजुर ने प्रभु इसी मसीह के पवित्र बाईबल पर विश्वास करते हुए कहा कि ईश्वर ने मनुष्य को अपने प्रतिरूप बनाया है,धरती के मिट्टी में मनुष्य को नर-नारी के रूप में बनाया है। प्रभु ने जाति, धर्म प्रथा को लेकर कभी घृणा नहीं की, पर मनुष्य जाति,धर्म पर विभाजित हुआ है, जिससे सुख,शांति भंग हुई है, पर हमें एकता की जरुरत है, तभी देश व मझहप का विकास होगा। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु मसीह पड़ोसी को भी अपने सामान प्रेम करते है। सदर कय्यूम नियाज़ी ने कहा कि हर धर्म शिखाता है, आपस में मुलजुल कर रहना भाषाएं भले ही अलग़ हो पर विचार एक होना चाहिए। जिस मझहप को हम मानते है, अल्लाह ताला ने सहमतुलकिम बनाकर भेजा है, वो सारे आलम के लिए रहमत है। इस्लाम धर्म में ईमान, नमाज़ अदा करना, हज की यात्रा, रोज़ा और ज़कात का होना ज़रूरी। सर्वधर्म की बुराई को छोड़कर सबका सम्मान करना होगा। मानव धर्म एक है, रास्ता अलग-अलग है, पर सभी को एकता बनाकर प्रेम बंधन में भाईचारे के साथ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली बार यह दिन 624 ईस्वी में मनाया गया था। पैगम्बर हजरत मोहम्मद ने बद्र के साथ युद्ध किया,और इस युद्ध में पैगम्बर हजरत मोहम्मद की जीत हुई। इस ख़ुशी में पहली बार ईद-उल-फ़ित्र का त्यौहार मनाया गया। ईद रमजान के 29-30 दिन के कठिन उपवास के खत्म होने पर ईद मनाया जाता है, एक दूसरे से गले मिलकर उपहार देते है। ग़रीबो को दान किया जाता है।


इस दौरान सदर अब्दुल अजीज, मोहम्मद कय्यूम नियाज़ी, हाजी याकूब, नौसाद हॉपी, सलीम, शाह आलम, फ़िरोज यासिम, अब्दुल सत्तार, जमील शाह, हमिज अली, फ़ैयाज़, हाफिज मन्नान मो.एहसान, वाई ईराकी, मुमताज अहमद, एकलाम, पंडित विष्णु महराज, विकास, वेद प्रकाश पाण्डेय, सरदार माजिकदर सिंह भमरा, गुरुचरण सिंह कालरा, सत्तार अली, सुरेश श्रीवास्तव,सुरेश सोनी, तपन मुखर्जी,आशीष सिंह, ऋषिराज श्रीवास्तव, ज्ञान सिंह लोधी, रामधुन जायसवाल, पवन श्रीवास्तव, मोहित खरे व सभी धर्म के नागरिक व भाजपा महिलामोर्चा शामिल रहे।।

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