स्वास्थ्य मंत्री अजय चन्द्राकर ने ‘गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा’ का किया शुभारंभ
आज से 9 जून तक चलेगा गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा रायपुर-स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने आज पंडरी स्थित जिला अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में नन्हें बच्चों को ओ.आर.एस. घोल पिलाकर राज्य स्तरीय ‘गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा’ का शुभारंभ किया। श्री चन्द्राकर ने शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मौसम परिवर्तन के साथ ही अनेक मौसमी बीमारियां सामने आती है। बरसात के मौसम में बच्चों में विशेषकर डायरिया के प्रकरण देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा डायरिया नियंत्रण के लिए मौसम परिवर्तन के पहले ही बीमारियों से नियंत्रण के लिए तैयारी की जा रही है। श्री चन्द्राकर ने विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों से सजगता और तत्परता के साथ काम की अपील की। प्रदेश के सभी अस्पतालों में ओ.आर.टी. कार्नर एवं शिशु पोषण तथा आहार-व्यवहार कार्नर की व्यवस्था की गई है। जहां कोई भी मरीज के परिजन निःशुल्क ओ.आर.एस. का पैकेट ले सकते है। गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 09 जून तक चलेगा। इस दौरान 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों वाले परिवारों को ओ.आर.एस. पैकेट का वितरण किया जाएगा। कार्यक्रम को स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा ने भी सम्बोधित किया। श्रीमती शर्मा ने कहा कि डायरिया की प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इससे प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। उन्होंने लोगों को ऐसे कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। कार्यक्रम में शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि बच्चों को बार-बार दस्त होने पर तत्काल ओ.आर.एस. का घोल पिलाना चाहिए । बच्चे को तत्काल चिकित्सक के पास ले जाकर पूर्ण उपचार कराना चाहिए। डॉ. ठाकुर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से 9 जून, 2018 तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों वाले परिवारों को ओ.आर.एस. पैकेट का वितरण तथा घोल बनाने व उपयोग करने के तरीके बताये जायेंगे । स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से घोल बनाने की जानकारी दी जाएगी। गहन डायरिया नियंत्रण पखवाडे़ मनाने का मुख्य उद्देश्य पांच साल तक की उम्र के बच्चों की मृत्यु डायरिया के कारण होती है, उसे रोकना है। डायरिया का शीघ्र निदान व उपचार करने से निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों की मृत्यु को कम करने में सबसे अहम भूमिका ओ.आर.एस. घोल तथा जिंक टेबलेट की है। ओ.आर.एस. के साथ-साथ जिंक की गोली लगातार 14 दिनों तक चिकित्सकीय सलाह से देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ग्राम स्वास्थ्य व स्वच्छता पोषण समिति की बैठक में शौचालय के उपयोग, खाना खाने के पहले व शौच से आने के बाद साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोने के तरीके की जानकारी देने जागरूक किया जाएगा। जल जनित बीमारियों व पेयजल स्त्रोतों का शुद्धिकरण करने की जानकारी ग्राम स्तर में प्रदान की जाये। डायरिया के लक्षण- विशेषज्ञों ने बताया कि दिन में पांच या अधिक बार पतला दस्त होना डायरिया के प्रमुख लक्षण है। सही समय पर इलाज न करवा पाने पर इससे जान का खतरा हो सकता है। ओ.आर.एस. का घोल डायरिया को दूर करने के लिये सबसे प्रभावशाली उपाय है। पतले दस्त होने से जल की मात्रा अधिक होती है। यह दस्त थोड़े-थोड़े अंतराल में आता है। खाने में असावधानी इसका प्रमुख कारण होता है । डायरिया के तीव्र प्रकोप से पेट के निचले हिस्से में पीड़ा या बैचेनी प्रतीत होती है । पेट मरोड़ना, उल्टी आना, बुखार होना, कमजोरी महसूस करना डायरिया के लक्षण है। डायरिया से कमजोरी व निर्जलीकरण की समस्या पैदा हो जाती है।डायरिया होने से शरीर के अंदर से तरल व खनिज लवण बाहर निकलते हैं। इनकी कमी को पूरा करने के लिए ओ.आर.एस. का घोल लेना आवश्यक होता है ।