38 आवेदन पर मात्र 7 उपस्थित, जांच अधिकारी ने कार्यवाही का दिया आश्वासन, मामला क्षेत्र में चल रहे फर्जी क्लीनिक का..बम
भानु प्रताप साहू- 9425891644
*कसडोल*। बीते वर्ष उच्च न्यायालय के आदेश पर जिला अंतर्गत 113 अवैध तरीके से संचालित कर रहे नर्सिंग होम सहित क्लीनिक पर प्रशासन का डंडा चला था और मौके पर उपस्थित होकर जिला अंतर्गत संचालित सभी 113 क्लीनिक पर छापेमारी कार्यवाही के दौरान जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नही होने पर सील किया गया था और सख्त हिदायत दी गयी थी कि बिना मेडिकल काउंसिल अधिनियम 1956 के तहत पंजीयन बिना प्रेक्टिस नही करे।लेकिन समय बिता और सभी अवैध फर्जी डिग्रीधारी झोलाछाप डॉक्टर कुछ समय पश्चात स्थानिय नेता के चरणों मे जा गिरे और नेता जी ने अपने पद का दुरुपयोग कर दबाव बनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बिना जरूरी दस्तावेज के चलाने का मौखिक आदेश दे दिया फिर क्या था स्वास्थ्य अमला मरता क्या न करता कि तर्ज पर इन्हें मूक सहमति प्रदान कर दी और माह बीतने के बाद ही इनकी दुकान धड़ल्ले से खुल गयी और पुनः मरीजो से जांच के नाम पर मोटी रकम वसूलने की कवायद प्रारंभ कर दी। लेकिन इन फर्जी क्लीनिक की पोल उस समय खुल गया जब खुद से प्रेक्टिस करने के लिये आवेदन देने पर भी बुधवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल में लगे दस्तावेज जांच शिविर पर उपस्थित नही हुए और अपनी फर्जी क्लीनिक का प्रमाण खुद दे गए।
यह था आदेश
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अपने पत्र क्रमांक/ नर्सिंग होम एक्ट/2018/2621 बलौदा बाजार दिनांक 1 मई 2018 को जिले भर से प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों की जांच के लिये समस्त संचालक, अस्पताल, क्लीनिक एवं लैब का संचालन कर रहे संचालको को नर्सिंग होम एक्ट अंतर्गत आवेदन पर निराकरण करने के लिये गुरुवार को उपस्थित होकर जांच शिविर में दस्तावेज पेश करने के लिए पत्राचार किया था लेकिन कसडोल विकासखंड अंतर्गत ऑनलाइन प्राप्त 38 आवेदन पर केवल 7 लोगो ने अपनी दस्तावेज दिखानी की हिमाकत की और इनके भी दस्तावेज पूरे नही थे जिन्हें दस्तावेज पूर्ण करने की हिदायत दी गयी वही जारी पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि यदि इस प्रयास के बाद यदि आपकी दस्तावेज फर्जी और पेश नही की गई तो अंतिम प्रयास के बाद आपके आवेदन पर कोई भी सुनवाई न करते हुए खारिज कर दी जाएगी। लेकिन अचरज की बात यह है कि अवैध रूप से संचालित कर रहे संचालको ने सीएचएमओ के आदेश पर भी रुचि दिखाना मुनासिब नहीं समझा और आज भी पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य अमला को ठेंगा दिखाते हुए बेरोकटोक ये फर्जी नर्सिंग होम संचालक मरीजो की जान से खिलवाड़ करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।
लूट रहे मरीज
जगह-जगह पर खुले इन नर्सिंग होम पर जहाँ स्वास्थ्य विभाग के मुखिया का संरक्षण मिला तबसे इन्होंने बेधड़क अपना कारोबार प्रारंभ कर दिया और छोटी सी बीमारी को बड़ा बता कर भोले भाले मरीजो को लूटने का काम प्रारंभ कर दिया गया। और आज ये फर्जी क्लीनिक की आड़ में 2 का 4 कमाने की जुगत में लगे है।
कुकुरमुत्ता की तरह फैला कारोबार
जिले भर में सैकड़ों की तादाद में कुकुरमुत्ता की तरह फैले इस कारोबार में जहाँ विभाग की मूक सहमति मिली हुई है तो वही मरीजो की जान के साथ खिलवाड़ करने का व्यवसाय इन फर्जी डिग्री धारी नर्सिंग होम में हो रहा है जबकि बीते वर्ष की कार्यवाही में जनता को गुमराह कर लूटने का कारोबार जिस दम से किया जा रहा है उससे तो ऐसा प्रतीत होता है मानो इन्हें किसी का भय नही है और आज ये नर्सिंग होम में आयुर्वेद का पढ़ाई कर एलोपैथी की दवाइयां लिख रहे है जिस पर सवाल उठना लाजमी है।
यहाँ हुई थी कार्यवाही
उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने कसडोल एरिया में त्रिवेदी नर्सिंग होम, कबीर पैथालॉजी, के के बंजारे क्लीनिक, बलराम क्लीनिक एंव मा दुर्गा क्लीनिक पर प्रशासन ने छापा मार कार्यवाही करते हुए सील किया था लेकिन कुछ समय पश्चात इन फर्जी क्लीनिक संचालको ने मुखिया को मोटी रकम चुकता कर फिर से मौत बाटने का कार्य प्रारंभ कर दिए आखिर सवाल यह उठता है जब सेटिंग से खुलना ही था तो कार्यवाही का ढिंढोरा विभाग क्यों पीट रहा था।
उच्च न्यायालय का आदेश रद्दी की टोकरी में
जिले भर में अवैध चल रहे क्लीनिक में बिना डिग्री के अनुभवहीन होने से मरीजो की जान से खिलवाड़ सहित मौत के मामले ज्यादातर होने के कारण उच्च न्यायालय ने प्रदेश भर में अवैध संचालन कर रहे झोलाछाप डॉक्टर के ऊपर कार्यवाही के लिए आदेशित किया था जिस पर प्रदेश भर में ताबड़ तोड़ कार्यवाही स्वास्थ्य अमला ने किया था लेकिन कुछ माह बाद स्वास्थ्य अमला चंद रुपयों के खातिर उच्च न्यायालय के आदेश को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। तभी तो आज ये फर्जी सील हुए क्लीनिक मौत की दुकान चलाना प्रारंभ कर दिये। अचरज की बात यह है कि जब अपनी क्लीनिक पर ये फर्जीधारी मोटे मोटे अक्षर में पंजीकरण संख्या लिखे होते है और बकायदा ऑनलाइन आवेदन भी करते है लेकिन यह तो जांच शिविर में मिले आवेदन पर गौर करने से पता चलता है की महज दिखावा पर ये नर्सिंग होम टिके हुए है जिस पर स्थानिय लोगों ने जिले के संवेदनशील कलेक्टर से कार्यवाही की अपेक्षा किया है।
इनका कहना है।
क्लीनिक संचालन के लिये 38 ऑनलाइन आवेदन कसडोल क्षेत्र से प्राप्त हुये थे जिसमें 7 लोग ही उपस्थित हुए है जिसमे 2 क्लीनिक का बस ही दस्तावेज सही पाया गया है जो लवन क्षेत्र से है अन्य सभी को नोटिस जारी जवाब तलब किया जाएगा। और अवैध रूप से संचालित क्लीनिक को पुनः प्रशासन के सहयोग से सील किया जायेग।
*डॉ एस आर बंजारे*
*जिला नोडल अधिकारी*
*नर्सिंग होम एक्ट*
कसडोल क्षेत्र में किसी के पास मेडिकल काउंसिल एक्ट के नियमानुसार जरूरी दस्तावेज और अस्पताल नही है जल्द ही अवैध चल रहे क्लीनिक पर जिले से आदेश होने पर छापेमार कार्यवाही कर सील किया जाएगा।
*डॉ सी एस पैकरा*
*बीएमओ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसडोल*
नर्सिंग होम पर कार्यवाही के लिए जिले से टीम आती हैं जल्द ही टीम बनाकर अवैध रूप से चल रहे क्लीनिक पर कार्यवाही की जाएगी।
*योगेश कुमार शर्मा*
*मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बलौदा बाजार*