November 23, 2024

दाल भात केंद्र महीनों से  पड़ा है बंद गरीब तबके के लोग हो रहे परेशान

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बैकुण्ठपु:  जिला मुख्यालय समेत सभी विकासखंडों में अब गरीबों को सस्ते दर पर भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा।  जी हां हम बात कर रहे हैं प्रदेश सरकार की  उस योजना के बारे में जिसमें प्रदेश सरकार ने लोगों को पांच रुपए में चावल-दाल उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र की शुरुआत यह सोच कर कि  लोगों को इस योजना से कुछ राहत मिलेगी  लेकिन इस योजना को अब शायद जंग लग गया है  और योजना को जंग लगने के कारण ही शायद  इन केंद्रों के दरवाजे लगभग डेढ़ महीने से नहीं खुल सके है और यह योजना अब पूरी तरह से जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में बंद पड़ी है इस योजना के संचालन के कुछ दिनों बाद से ही यह योजना पूरी तरह से जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर मे ठप पड़ने लगी थी। प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्रों के लोगों को सस्ते मूल्य पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा दाल-भात केंद्र की शुरुआत की जहां लोगों को सस्ती दर पर भरपेट भोजन मिलता था गौरतलब है कि दाल की क़ीमत पर देश भर में मचे बवाल के बीच पूर्व में जिले  से एक अच्छी खबर  सामने आई थी की अगर आपकी जेब में पांच रुपये हैं, तो यहां भरपेट दाल-भात खा सकते हैं. आलू-सोयाबीन या चने की सब्जी बोनस में. लेकिन इस योजना के प्रारंभ हुए कुछ दिनों बाद से इस योजना को जंग लग गया इस योजना की शुरुआत  पूर्व  में कराई गई थी जिसके तहत गरीबों को 5 रुपए ंमें भरपेट  भोजन कराया जाता था ऐसा नहीं है कि इस योजना का लाभ  सिर्फ  गरीब तबके के  लोग  उठाते थे बल्कि कुछ संपन्न परिवार  एवं  राहगीर भी बड़े महंगाई को देखते हुए केंद्र में पेट भरने टूट पड़ते थे। जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में  दाल भात केंद्र के  अनेक केंद्र खोले गए  ताकि गरीब परिवारों एवं जरूरतमंद को इसका भरपूर लाभ प्राप्त हो सके इसके लिए केंद्र संचालक को सरकार रियायती दरों पर चावल भी उपलब्ध कराती थी। यह चावल अंत्योदय योजना के तहत केंद्र से मिलता था इसमें दाल देना अनिवार्य था क्योंकि दाल का नाम इस योजना के नाम के साथ जुड़ा हुआ था। सरकार इस योजना के बेहतर संचालन करने के लिए केंद्रों के संचालको  को एक रुपये प्रति किलो के हिसाब से चावल उपलब्ध कराती थी इसके साथ सोयाबीन और चना भी सब्जी के लिए दिया जाता  था करीब  सैकड़ों गरीब परिवार  रोज इन केंद्रों पर दाल-भात खा कर अपना गुजर बसर कर रहे थे लेकिन इस योजना को अब जंग लग गया है और यह योजना जिले में पूरी तरह से लगभग डेढ़ महीने  से ठप पड़ी हुई है इसके तहत सिर्फ दिन का खाना खिलाने का प्रावधान था वही  अंबिकावाणी की  बातचीत पर  कुछ ग्रामीणों ने बताया कि जब यह योजना चालू थी तब गरीब तबके के लोगों को काफी राहत मिली थी लेकिन अब इस योजना का गरीब तबके को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है वही लगभग डेढ़ माह से अधिक का समय  व्यतीत हो गया  लेकिन  इन केंद्रों का  ताला  नहीं खुल सका है इस योजना से  रिक्शा चालकों को  काफी राहत मिली थी रिक्शा चालकों के  अलावा अन्य गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिलता था साथ ही  दूर दराज से आए  राहगीर  यात्रियों को इस योजना के तहत राहत मिलती थी  जिससे  उनके पैसे बच जाते थे
जिला चिकित्सालय का दाल भात केंद्र भी महीनों से बंद मरीज के परिजनों की बड़ी परेशानी
जिला चिकित्सालय का दाल भात केंद्र भी महीनों से बंद पड़ा है काफी जद्दोजहद करने के बाद शासन प्रशासन ने जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में दाल भात केंद्र खोले जाने का निर्णय लिया था और बकायदा कुछ दिनों तक इसका संचालन भी हुआ इस केंद्र के खुलने से बाहर से आए मरीज एवं उनके परिजनों को सस्ते दामों पर भरपेट भोजन की व्यवस्था हो जाती थी लेकिन अब जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर मैं भी उक्त केंद्र में ताला लटका हुआ देखा जा सकता है वहीं मरीज के परिजनों को खुलेआम पार्किंग के समीप अपने पेट की व्यवस्था करते हैं देखा जा सकता है गौरतलब है कि इस जिला चिकित्सालय में बकायदा एक कैंटीन भी है जो आज तक बंद होते नहीं देखा गया बताया जाता है कि उक्त कैंटीन में अधिकारियों की कृपा बनी हुई है रही बात दाल भात केंद्र की तो उक्त केंद्र भी लगभग डेढ़ माह से बंद पड़ा हुआ है लेकिन इस ओर किसी भी अधिकारी ने ध्यान देना  मुनासिब नहीं समझा
चावल खप रहा जिला चिकित्सालय के कैंटीन पर
मरीजों के परिजनों के लिए जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर के प्रांगण में एक दाल भात केंद्र एवं एक कैंटीन सुविधा के अनुसार खोला गया था यहां के दाल भात केंद्र में हमेशा दूर दराज से आए  लोगों  की लंबी लाइने लगी रहती थी जहां कम रुपयों में अपना पेट भर लेते थे और मरीज के साथ आए उनके परिजनों को काफी राहत मिलती थी अब जबकि उक्त केंद्र का महीनों से दरवाजा नहीं खुला और  इस केंद्र को बंद कर दिया गया तो परिजनों को अपने खाने की व्यवस्था करते खुलेआम पार्किंग के समीप देखा जा सकता है और रही बात जिला चिकित्सालय के कैंटीन की तो परिजनों ने यह बताया कि यहां अधिक चार्ज होने के कारण परिजनों को अपने पेट की व्यवस्था करनी पड़ रही है जानकारी तो यह भी मिली है कि उक्त दाल भात केंद्र का चावल जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर के कैंटीन में खपाया जा रहा है
दाल भात केंद्र तत्काल खोले जाने की मांग
जिला चिकित्सालय होने के कारण एवं जिले का सर्वसुविधायुक्त अस्पताल होने के कारण दूर दराज एवं ग्रामीण अंचलों से लोगों का  आना जाना  अक्सर लगा रहता है दूर से आए मरीज के परिजनों ने दाल भात केंद्र को तत्काल खोले जाने की मांग की है ताकि परिजनों को राहत मिल सके।

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