“वाह रे रामविशाल! धनपुरी में हाजिरी — और सीएमओ के आवास में बैक डेट से फाइलों पर साइन! नगर पालिका में फिर उठा घोटाले का तूफ़ान”

धनपुरी। दैनिक प्रदेश का गौरव (अतीक खान बाबा) नगर पालिका का भ्रष्टाचार एक बार फिर सुर्खियों में है। पुराने घोटालों की धूल अभी बैठी भी नहीं थी कि एक और बड़ा खेल उजागर हो गया है। नगर पालिका में पदस्थ रामविशाल नापित पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वे हाजिरी तो नगर पालिका में लगाते हैं, लेकिन अधिकांश समय सीएमओ के आवास पर बैठकर फाइलों पर “बैक डेट” से साइन करवा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, यह सारा खेल एक रिटायर्ड नेता के इशारे पर चल रहा है, जिसके इशारों पर रामविशाल नापित नगर पालिका की टेंडर और फाइलों की पूरी बाजीगरी संचालित कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई ठेकेदार भी नापित के साथ सीएमओ आवास तक पहुंचते हैं, जहाँ पुरानी तारीखों में साइन कराने का यह गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है।
पूर्व सीएमओ प्रभात बारकड़े के कार्यकाल में हुए घोटालों की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि नया अध्याय जुड़ गया है। नगर पालिका धनपुरी में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर दैनिक “प्रदेश का गौरव” अखबार पहले भी कई खुलासे कर चुका है — चाहे वह बरसाती पुल निर्माण का मामला हो या टेंडर में मिलीभगत का — नगर पालिका हर बार घोटालों के दलदल में और गहराई तक धंसती जा रही है।
नगर पालिका के भीतर काम करने वाले कुछ कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “रामविशाल नापित साहब बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उनके पीछे एक सेवानिवृत्त नेता का पूरा समर्थन है। यही कारण है कि अधिकारी भी कुछ बोलने से डरते हैं। कई बार हमने देखा है कि ठेकेदारों के साथ वो फाइलें लेकर सीएमओ आवास जाते हैं और वहीं पुराने दिनांक में साइन कराते हैं।”
सूत्रों ने बताया कि हाजिरी रजिस्टर में तो रामविशाल नापित की उपस्थिति नियमित दर्ज है, परंतु अधिकांश समय वे कार्यालय में नहीं दिखते। कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज की जांच से यह आसानी से साबित हो सकता है कि पूरा नेटवर्क किसके संरक्षण में चल रहा है।
जानकारों का कहना है कि यह मामला सिर्फ कागजी हेराफेरी नहीं, बल्कि शासन को करोड़ों का चूना लगाने वाली साजिश का हिस्सा है। जांच ईमानदारी से हुई तो रिटायर्ड नेता से लेकर कई सक्रिय ठेकेदारों और अधिकारियों तक के नाम सामने आ सकते हैं।
धनपुरी नगर में फिलहाल यही चर्चा है कि “हाजिरी नगर पालिका में, और चाल सीएमओ आवास की — वाह रे रामविशाल, तेरी मिलीभगत कमाल की!”