November 22, 2024

शहीद राजगुरु को संघ से जोड़ना अकल्पनीय – जोगी

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रायपुर, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी जी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक एवं शोधकर्ता नरेन्द्र सहगल ने अपने हालिया शोध गंरथ में अमर शहीद राजगुरु को आर.एस.एस. का स्वंय सेवक निरुपित किया है जो अविश्वसनीय एवं अकल्पनीय है क्योंकि इस विषय पर संघ का अतीत शून्य एवं इतिहास खामोश है। सहगल ने एक ऐसी अदभुत खोज की है जिसका इतिहास में कही भी कोई जिक्र नही है। यह केवल सहगल के खोखले दिमाग की उपज है तथा देश की आजादी के आन्दोलन में संघ की उपस्थिती दर्ज कराने का थोथा प्रयास है।

श्री जोगी ने कहा है कि केन्द्र में भाजपा की सत्ता आने के बाद से संघ आजादी के आदोलन में अपना वजूद स्थापित करने के प्रयास में जुट गई है तथा संघ व भाजपा अपने पूर्वजो को स्वंतत्ऱता सग्राम सेनानी बताने की जुगाड़ में लग गये है क्योकि अब तक के इतिहास के मुताबिक संघ व भाजपा के पूर्वजो ने अपने आप को स्वंत़त्रता आन्दोलन से दुर ही रखा था। त्याग व बलिदान की बात तो दुर इनके पूर्वजो ने अग्रेंजो के विरुध्द किसी भी तरह का प्रदर्शन या आन्दोलन करने का कोई प्रयास नही किया। शहीद राजगुरु को स्वंय सेवक बता कर संघ अपना इतिहास सुधारना चाहता है। आज देशभक्ति का थोथा राग अलापने वाले तत्वों को अपने गिरेबान में झाक कर देखना चाहिये तो उन्हे केवल ग्लानी एवं शरमिन्दगी ही हाथ लगेगी। वर्ग विशेष का राग अलापने वालो के पास स्वतत्रता एवं समाजिक न्याय का इतिहास नदारत है। यह एक ऐसा ऐतिहासिक शून्य है जिसकी भर पाई असंभव है।

श्री जोगी ने कहा है कि संघ के शोधकर्ता नरेन्द्र सहगल ने शहीद राजगुरु को संघ का स्वंय सेवक तो बता दिया परन्तु उनके पास कोई पुख्ता सबूत नही है। यह केवल आजादी के इतिहास में अपनी मोजूदगी दर्ज करने का असफल प्रयास मात्र है। शहीद राजगुरु के बारे में किये गये थोथे शोध से उनकी आत्मा को ठेस पहुचाई गई है जिसकी भरपाई शोधकर्ता सहगल सर्वजनिक रुप से देश की जनता से माफी मांग कर करे। हो सकता है शोधकर्ता के ग्रंथ के आगामी संस्करण मे अमर शहीद भगत सिंह एवं सुखदेव भी आर.एस.एस. के स्वंय सेवको की सूची में आ जाये तो कोई ताज्जुब नही होना चाहिये।

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