November 22, 2024

गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति ने दिए कई सुझाव

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      रायपुर,छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग तथा गौ शालाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए सुझाव देने पशुधन विकास मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षतामें गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की अंतिम बैठक आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित की गई। बैठक में आयोग के काम-काज कोऔर भी बेहतर बनाने तथा गौ शालाओं के लिए प्रचलित अधिनियमों, नियमों तथा दिशा-निर्देशों पर व्यापक चर्चा के बाद कई सुझाव दिए गए । उप समिति के सुझावों के बारे में गौ शालाओं के प्रबंधकों से सुझाव आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। सुझाव गौसेवा आयोग के ई-मेलgsaayog@gmail.com अथवा प्रत्यक्ष रूप से राजधानी रायपुर स्थित गौसेवा आयोग कार्यालय में दिए जा सकते हैं। पशुधन मंत्री श्री अग्रवाल नेउप समिति के सुझावों को गौ सेवा आयोग की वेबसाइट पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। सुझाव बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्रीअजय चंद्राकर, संसदीय सचिव श्रीमती रूप कुमारी चैधरी, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री बिशेषर पटेल उपस्थित थे।

बैठक में गौ शालाओं में तैयार वर्मी कम्पोस्ट एवं जैविक खाद का मानक परीक्षण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय अथवा अन्य मानक निर्धारणकरने वाली संस्था से कराए जाने के बाद बीज निगम के माध्यम से दर निर्धारित करने का सुझाव देने का निर्णय लिया है। गौ शालाओं को पोषणआहार के लिए प्रति पशु प्रति दिन 25 रूपए की जगह 50 रूपए दिया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए 5 से 10एकड़ जमीन चारागाह के लिए निःशुल्क दी जानी चाहिए। शहरी क्षेत्रों की गौशालाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन दी जाए। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों मेंकांजी हाउस को सुदृढ़ किया जाए। कांजी हाउस के पशुओं के बेहतर प्रबंधन एवं पोषण के लिए प्रति पशु के मान से पर्याप्त वित्तीय व्यवस्था संबंधितविभागों द्वारा की जानी चाहिए। उप समिति द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के कांजी हाउस को सुदृढ़ बनाने की अनुशंसा की गई है। प्रदेश के 40 विकासखण्डों मेंनई गौशालाएं स्थापित करने के लिए चिन्हित जमीन को सुरक्षित करने के लिए व्यवस्था की जाए। पशुधन विकास मंत्री श्री अग्रवाल ने अधिकारियोंसे कहा कि चिन्हित जमीनों को पशुधन विकास विभाग के नाम दर्ज कराने की कार्रवाई तत्काल की जाए।

यह भी अनुशंसा की गयी कि गांवों के गौठानों को सुरक्षित कर पशुधन के लिए पेयजल और शेड की व्यवस्था की जानी चाहिए। गौठानों केआसपास वृक्षारोपण भी कराया जाना चाहिए। गौशालाओं के संचालकों की ओर से हर साल आम सभा बुलाई जानी चाहिए। आम सभा में गौशालासमिति के शासकीय सदस्यों, गौसेवा आयोग के सदस्यों, जीव-जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्यों तथा स्थानीय निकायों के सदस्यों को आमंत्रित कियाजाए। गौशालाओं के आय-व्यय तथा कार्रवाई विवरण के आधार पर ही अनुदान की पात्रता निर्धारित की जाए। इन सदस्यों को गौशालाओं मेंआयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे गौपाष्टमी, जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा आदि में आमंत्रित किया जाए। खेती-किसानी में उपयोग होने वालेपशुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गौशालाओं को पशुधन संख्या के आधार पर शेड एवं अन्य कार्य के लिए दी जा रही राशि में बढ़ोतरी की जाए।गोबर और गौमूत्र की गुणवत्ता युक्त संकलन, प्रसंस्करण के साथ-साथ औषधि जीवामृत, अमृतपानी, कीट नियंत्रक, गोनाइल और जैविक खाद बनानेव उनके विपणन के लिए गौशालाओं का चयन किया जाए। चयनित गौशालाओं को इसके लिए प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित करने जरूरीअधोसंरचनाएं बनाई जाए। गौशालाओं में सौर ऊर्जा से पशुओं के पेयजल तथा चारा उत्पादन के लिए सिंचाई व्यवस्था के लिए सौर सुजला योजना मेंशामिल किया जाए। गोबर, गौ-मूत्र तथा गौशाला से निकलने वाले अन्य अपशिष्टों पर आधारित उद्योग लगाने हेतु उद्योग विभाग की ओर से विशेषकार्य योजना बनाई जाए। गौशालाओं में सुव्यवस्थित कार्य के लिए आवश्यक उपकरण जैसे-चाफ कटर, स्प्रेयर, ग्रॉस कटर, गोबर स्क्रेपर, छोटीट्रेक्टर ट्रॉली के अलावा सिंचाई उपकरण के लिए कृषि विभाग से अनुदान की व्यवस्था की जाए। गौशालाओं से संबंधित गांवों के स्थानीय इच्छुकव्यक्तियों को प्राईवेट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जाए। गौशाला में पशुधन संरक्षण एवं संवर्धन कार्य बेहतर ढंग सेकिया जा सके। उप समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रांतीय राजमार्गों, जिला मार्गों और मुख्य सड़कों पर दुर्घटना ग्रस्त पशुओंके बेहतर इलाज के लिए और जप्त किए गए पशुओं को तात्कालिक रूप से उचित सुविधा देने के लिए सभी जिलों में काउकेचर के साथ विशेष परिसर(एनीमल होल्डिंग प्रिमाईसेस) बनवाए जाए।

बैठक में कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सुनील कुजूर, सचिव नगरीय प्रशासन डॉ. रोहित यादव, सचिव कृषिश्री अनूप श्रीवास्तव, सचिव राजस्व श्री एन.के. खाखा, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. एस.के. पाण्डेय सहित वित्त विभाग, वन विभाग,छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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