प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा पर पलीता लगा रहा आर सी ई एम स्कूल प्रबंधन चचाई
दलित बेटी के 12वीं उत्तीर्ण के उपरांत भी नहीं दी जा रही मार्कशीट एवं अन्य अभिलेख
अनूपपुर चचाई ।अनूपपुर जिले के चचाई स्थित एम.पी.पी.सी.जी.एल. चचाई के अधीन संचालित आर.सी.ई.एम. स्कूल, चचाई में मैनेटमेंट एवं तथाकथित व्याख्याता के ईशारे पर व्याप्त भ्रष्टाचार, स्वेच्छाचारिता एवं मुख्यमंत्री की लाडली दलित बेटी स्नेहल वर्मा की 12 वीं उत्तीर्ण होने के बावजूद मार्कसीट आदि अभिलेख न दिये जाने के कारण शिक्षा से वंचित कर दिया गया है।उपरोक्त विषय में क्षेत्र के समाजसेवी जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रार्थना करते हुए ध्यान आकृष्ट कराया है। शिकायत पत्र में समाजसेवी जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया है कि जहां एक ओर म.प्र. शासन के यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी अपनी लाडली बेटी-भांजियों के उज्जवल भविष्य की के लिये अनेको योजनाये लागू कर बेटियों के भविष्य संवारने में लगे हैं वहीं दूसरी ओर आर.सी.ई.एम. स्कूल चचाई के असंवेदनशील मैनेजमेंट जो दलित विरोधी साबित होकर माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा को कलंकित कर एक गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की दलित बेटी स्नेहल वर्मा जो अच्छे अंक अर्जित कर इंजीनियरिंग कालेज में प्रवेश के लिये अपनी अंकसूची, टी. सी. प्राप्त करने की गुहार लगा रही है पर आर. सी. ई. एम. स्कूल के हठधर्मी मुख्यमंत्री विरोधी मैनेटमेंट का एक कुनबा उसे यह सब उपलब्ध नही करा पा रहा है। जिससे वह एक दलित वर्ग की बेटी इंजीनियरिंग की पढ़ाई से वंचित हो रही है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी, आप प्रदेश के संवदेनशील मुख्यमंत्री हैं तथा प्रदेश की भांजिया बेटियां आपको ईश्वर के रूप में देखती हैं वहीं दूसरी ओर चचाई पॉवर प्लांट के कुछ अधिकारी जो आर.सी.ई.एम. स्कूल का मैनेजमेंट देखते है वे सब सरकार विरोधी तथा दलित विरोधी साबित होकर मुख्यमंत्री जी की जनकल्याणकारी भांजी बेटी कल्याण के कार्यक्रम को कलंकित करने में आमादा है। समाजसेवी श्री सिंह ने कहा कि ऐसे तथाकथित अधिकारी जो दलित विरोधी, छात्र विरोधी तथा सरकार विरोधी हैं ऐसे ताकतों के विरुद्ध तथा कृपया ऐसे अधिकारियो के क्रियाकलापो को संज्ञान में लेकर कठोर कार्यवाही का निर्देश एम.डी. श्री मंजीत सिंह को देने की कृपा करें ताकि ऐसे इच्छाधारी मैनेजमेंट के अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही हो सके जिससे आर.सी.ई.एम. स्कूल ऐसे कुटिल मानसिकता के अधिकारियो के चंगुल से मुक्त होकर छात्रहित में कार्य करें।आर. सी. ई. एम. स्कूल बधाई में एक ऐसा व्याख्याता गौतम दत्ता है जो विगत 02 वर्ष से प्राचार्य के पद पर मैनेजमेंट का कृपा पात्र बनकर छात्रो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। वर्तमान सत्र में कक्षा 09, 11 के भौतिकी, गणित, रसायन एवं समाज विज्ञान विषय के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में घोटाला किया गया। जो छात्र गौतम दत्ता के प्रिय रहे उनको उत्तीर्ण करने के लिये उनके कॉपी में अंक बढ़ाने के लिये दिनांक 15 जुलाई को शिक्षको से लिखवाया गया। इसकी सत्यता की जांच करना हो तो सी.सी. टी.वी. कैमरे में 09 बजे से 01 बजे तक का फुटेज लिया जाये तो पता चल जायेगा कि कौन-कौन टीचर उत्तर पुस्तिका में लिख रहे थे। आर.सी.ई.एम. स्कूल, चचाई पूर्व में शहडोल संभाग का एक उत्कृष्ट तथा प्रसिद्ध विद्यालय था जो अध्ययन एवं अध्यापन के लिये जाना जाता था मैनेजमेंट के अदूरदर्शिता तथा मैनेजमेंट द्वारा गौतम दत्ता को गोद लेकर पूरे आर. सी. ई. एम. स्कूल के पढ़ाई चौपट कर इसे राजनीतिक व्यक्ति विशेष का अखाड़ा बना दिया गया जिससे लगभग 100 की तादात में छात्र इस वर्ष टी. सी. लेकर बाहर चले गये जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व गौतम दत्ता तथा मैनेजमेंट है। शिकायत पत्र में कहा गया कि गौतम दत्ता नकारात्मक ऊर्जा का सरदार है तथा छात्रो से उनके अभिभावको से तथा विद्यालय के स्टाफ से बदतमीजी से बात करता है तथा उसके द्वारा टीचस भर्ती में घोटाला किया गया। भर्ती में बी.एड. लेना चाहिये किन्तु जो उनके चहेते रहे उन्हें भर्ती कर लिया गया। साथ ही पुराने टीचर्स को हतोत्साहित किया जाता है। उन्हें वेतन भी सम्मानजनक नही दिया जाता है जबकि गौतम दत्ता द्वारा अपने चहेते नये टीचर्स को मनचाहा वेतन दिया जा रहा है जो जांच का विषय है। सिंह ने प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से अपेक्षा की है कि छात्रहित में कर रहा हूं कि दलित वर्ग की बेटी की अंकसूची तत्काल प्रदान कराये जाने की कृपा हो साथ ही आर.सी.ई.एम. स्कूल मैनेजमेंट जो सरकार विरोधी, छात्र विरोधी तथा दलित विरोधी कार्य कर रहा है। इनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने की कृपा करें साथ ही दर्शित बिन्दुओं की उच्च स्तरीय जांच कराने की कृपा करें यदि आर.सी.ई.एम. स्कूल के मैनेमेंट एवं आर. सी. ई. एम. स्कूल के प्रभारी प्राचार्य के विरुद्ध कार्यवाही नही की गई तो मैं आमरण अनशन छात्रहित, दलित हित सरकार के हित में आर.सी.ई.एम. स्कूल के सामने करने हेतु बाध्य होऊंगा जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व एम.पी. पी.जी.सी.एल. के उच्च अधिकारी एवं प्रशासन की होगी।