पहले जमीन पीछे वोट, नहीं जमीन तो नहीं वोट
अभिनंदन समारोह में बोले राजगोपाल पीवी
उमरियाअविरल गौतम)मानपुर दिनांक 25-5 -2023 ।
मध्य प्रदेश में चुनाव के लिए अभी छह माह शेष हैं । इस बीच सभी दलों के लोग वोट मांगने गांव आएंगे । यह समय संगठित होने और सवालों की धार पैनी करने का है । वोट मांगने आने वाले से अपनी समस्याओं पर संवाद करिये । पूछिये की हमें वनाधिकार कानून के तहत भूमि अधिकार क्यों नही मिला ? इस बार संकल्प पूर्वक कहना है “पहले जमीन पीछे वोट, नहीं जमीन तो नहीं वोट” । यह बात जापान के निवानो अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार से सम्मानित एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी ने कही । वे अपने सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे ।
आपने कहा कि महात्मा गांधी ने बताया था कि सरकारों के किसी भी काम की सार्थकता तभी है जब उससे गरीबों को मदद मिले । लेकिन मौजूदा सत्ता और सिस्टम गरीब विरोधी हो गया है । उमरिया जिले के टाइगर रिजर्व के बफर जोन के 132 गांवों के ऊपर विस्थापन की तलवार लटक रही है । ये लाखों लोग कहाँ जाएंगे । सरकार जानवर पाले लेकिन उनकी हिफाजत भी करे । लोगों की जान और जीविका की कीमत पर संरक्षण नही टिकेगा ।
निवानो अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार में प्राप्त 1 करोड़ 25 लाख की राशि के संबंध में आपने कहा कि सरकारी टैक्स के बाद पुरस्कार के लगभग 80 लाख बचेंगे, उसका एक कोष बनाया जाएगा, जिससे हिंसा और तनाव के विरुद्ध काम करने वाली संस्थाओं और लोगों को सहयोग किया जाएगा ।
अभिनन्दन समारोह को संबोधित करते हुए गोपदबनास के पूर्व विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता के. के. सिंह ने कहा कि यह समह नाक की सीध में चलने का नही नजर उठाकर देखने का और सही दिशा पहचानने का है । आपने कहा सरकार चाहती है लोगों को छोटी छोटी मदद के भुलावे में रखकर वोटों की फसल काटती रहे, हमें इसकी मुखालफत करनी होगी । रोजगार और आत्मसम्मान के लिए लड़ना होगा और नामुराद सरकारों को चलता करना होगा ।
मध्यप्रदेश सर्वोदय मंडल के पूर्व अध्यक्ष संतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि राजगोपाल जी का सम्मान जल जंगल जमीन के अधिकार, पर्यावरणीय सुरक्षा, आत्मसमर्पित बागियों के पुनर्वास और युवाओं को शांति व अहिंसा से जोड़ने के प्रयासों का सम्मान और उज़की अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति का है । आपने कहा कि एकता परिषद का जन्म मानपुर में हुआ है इसलिये एकता परिषद की सफलता और उत्कर्ष में हमेशा मानपुर और उमरिया को याद किया जायेगा ।
इसके पूर्व एकता परिषद के जिलाध्यक्ष कमलभान सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य महिपाल बैगा, जनपद पंचायत कुसुमी सीधी की अध्यक्ष श्यामवती सिंह, जनपद सदस्य रोशनी सिंह, समाजसेवी बाला सिंह टेकाम ने भी अपने विचार रखे और उमरिया जिले की समस्याओं से राजगोपाल जी को अवगत कराया ।
कार्यक्रम का संचालन एकता परिषद के राष्ट्रीय सचिव संतोष सिंह ने किया और राष्ट्रीय समिति के सदस्य निर्भय सिंह, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष सीताराम सोनवानी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमरू कोल एवं रामगोपाल दाहिया, जिला पंचायत सदस्य हेमंत बैगा, चंद्रशेखर पटेल , भागीरथी बैगा, भागवत पटेल, जिला उपाध्यक्ष मीना सिंह, छोटेलाल सिंह, भजन सिंह, तेजपाल सिंह, राम कुशल सिंह, हेमंत बेगा, जयंती बाई आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे ।