श्रीनगर में 32 घंटे चली मुठभेड़, लश्कर के दोनों आतंकी ढेर
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के कर्णनगर में सोमवार को शुरू हुई मुठभेड़ लगभग 32 घंटे बाद मंगलवार दोपहर को लश्कर के दोनों आतंकियों के मारे जाने के साथ ही समाप्त हो गई। मारे गए आतंकियों के पाकिस्तानी होने की संभावना जताई जा रही है। उनके पास से दो एसाल्ट राइफलें, आठ मैगजीन और लश्कर का साहित्य मिला है। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान मुजाहिद खान शहीद व एक अन्य जवान घायल हो गया था।
सोमवार तड़के स्वचालित हथियारों से लैस दो आतंकियों ने कर्णनगर स्थित सीआरपीएफ की 23वीं वाहिनी मुख्यालय पर हमले का प्रयास किया था, लेकिन सजग संतरी की त्वरित कार्रवाई पर आतंकियों को भागना पड़ा। इसके बाद सुरक्षाबलों ने जब आसपास तलाशी ली तो वाहिनी मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित एक इमारत में छिपे आतंकियों ने फायरिंग कर दी। इसमें एक जवान शहीद हो गया। अन्य जवानों ने अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया। इसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गई थी।
मुठभेड़ स्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि अंधेरे में किसी तरह का नागरिक नुकसान न हो, इसलिए हमने अपनी तरफ से गोलीबारी बंद करते हुए घेराबंदी मजबूत कर दी। मंगलवार सुबह पौने पांच बजे आतंकियों ने ग्रेनेड फेंकते हुए भागने का प्रयास किया, लेकिन जवानों ने त्वरित कार्रवाई कर उन्हें मुठभेड़ में दोबारा उलझा लिया। आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों ने भी ग्रेनेड दागे। सुबह साढ़े 11 बजे एक आतंकी ने गोलियां चलाते हुए इमारत से बाहर निकल भागने का प्रयास किया, लेकिन मारा गया, जबकि दूसरा आतंकी लगभग एक घंटे बाद इमारत के भीतर मारा गया।
मुठभेड़ के बाद आइजी कश्मीर डॉ. स्वयं प्रकाश पाणि और आइजी सीआरपीएफ रविदीप सिंह साही ने पत्रकारों को बताया कि मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन उनसे मिले साजो-सामान से उनके लश्कर से संबंधित होने की पुष्टि होती है। आइजी पाणि ने कहा कि यह एक बेहतर अभियान रहा है, क्योंकि इसमें किसी भी तरह की नागरिक क्षति नहीं हुई है। एसएसपी, श्रीनगर इम्तियाज इस्माइल पर्रे ने श्रीनगर विशेषकर कर्णनगर में रहने वाले लोगों को सलाह दी कि वे मुठभेड़स्थल पर जमा न हों।