November 22, 2024

निस्तारी के लिए तालाब मार्च तक भरे जाएंगे  जल संसाधन मंत्री श्री अग्रवाल

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राज्य स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक में निर्णय 
रायपुर,  जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक में प्रदेश में निस्तारी के लिए तालाबों को इस वर्ष फरवरी-मार्च माह में भरने का निर्णय लिया गया है। जल संसाधन मंत्री श्री अग्रवाल ने तालाबों को भरने के लिए सिंचाई जलाशयों से पानी छोड़ने के लिए जरूरी तैयारियां करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में अनेक प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में आयोजित इस बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ वर्ष 2017-18 में प्रदेश के छोटे, मध्यम और बड़े सिंचाई जलाशयों से लगभग आठ लाख 76 हजार 221 हेक्टेयर में सिंचाई के लिए पानी दिया गया। वर्ष 2017-18 में खरीफ फसलों के लिए बड़े जलाशयों से छह लाख दो हजार 678 हेक्टेयर, मध्यम श्रेणी के जलाशयों से 76 हजार 388 हेक्टेयर तथा छोटे सिंचाई जलाशयों से एक लाख 97 हजार 155 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई की गई। वर्ष 2016-17 के रबी मौसम में 68 हजार 657 हेक्टेयर में रबी फसलों को सिंचित किया गया। उस समय बड़े सिंचाई जलाशयों से 41 हजार 692 हेक्टेयर, मध्यम सिंचाई जलाशयों से 11 हजार 366 हेक्टेयर तथा छोटे सिंचाई जलाशयों से 15 हजार 519 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई के लिए पानी दिया गया।
बैठक में विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों तथा प्रदेश में सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने के लिए अनेक उपयोगी सुझाव दिए। जल संसाधन मंत्री श्री अग्रवाल ने इसके लिए एनीकटों, चेकडेमों और स्टापडेमों में जरूरत के अनुरूप मरम्मत कार्य करके इन जल संरचनाओं में पूरी क्षमता के अनुरूप पानी रोकने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की पुरानी सिंचाई योजनाओं में जरूरी मरम्मत और अन्य निर्माण कार्य कराने के लिए कार्रवाई करने संबंधित जिला कलेक्टरों को विभाग की ओर से पत्र भेजा जाए।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कम बारिश को देखते हुए इस साल निस्तारी तालाबों को फरवरी-मार्च माह तक भरा जाना चाहिए। श्री अग्रवाल ने बताया कि पानी की पर्याप्त उपलब्धता वाले जलाशयों के क्षेत्रों में संभागीय तथा जिला स्तरीय जल उपयोगिता समितियों के निर्णयों के आधार पर वर्तमान रबी फसलों के लिए पानी दिया गया है। ऐसे जलाशयों में पेयजल और निस्तारी के लिए हरहाल में पानी बचाने के निर्देश जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं। विधायकों ने पानी का सदुपयोग कर सिंचाई रकबा बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े पुराने तालाबों का गहरीकरण कराने, नई नहरें बनवाने तथा पुरानी नहरों की मरम्मत कराने सहित अन्य सुझाव दिए। जल संसाधन मंत्री श्री अग्रवाल ने इन सुझावों के आधार पर प्रदेशभर में 100 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले तालाबों का सर्वे कराने के बाद इन तालाबों से सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने के लिए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने खदानों में भरे पानी का उपयोग सिंचाई के लिए करने भी कार्ययोजना बनाने अधिकारियों को निर्देशित किया। जल संसाधन मंत्री ने एनीकटों और स्टापडेमों के सौ मीटर के अंदर रेत उत्खनन के लिए रोक लगाने जिला कलेक्टरों को नये सिरे से पत्र भेजने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
बैठक में समिति के सदस्य विधायक श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक डॉ. प्रीतम राम, विधायक श्री रोहित कुमार साय, विधायक श्री राजशरण भगत, विधायक श्री केशव चन्द्रा, विधायक डॉ. खिलावन साहू, विधायक श्रीमती तेजकुंवर नेताम, विधायक श्रीमती अनिला भेड़िया, विधायक श्री वृहस्पत सिंह, विधायक डॉ. विमल चोपड़ा, विधायक श्री श्यामलाल कंवर, विधायक श्री तोखन साहू, विधायक श्री केराबाई मनहर, विधायक श्री नवीन मारकण्डेय, विधायक श्री विद्यारतन भसीन, विधायक श्री श्रीचन्द सुन्दरानी, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक श्री शिवरतन शर्मा तथा विधायक श्री जनक राम वर्मा उपस्थित थे। जल संसाधन विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा, प्रमुख अभियंता श्री एच.आर. कुटारे सहित जल संसाधन विभाग और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।

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