तो क्या ओरिएंट पेपर मिल में चल रहा कोयले का फर्जीवाड़ा ?
धनपुरी ()-ओरियंट पेपर मिल क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने कंपनी का वेस्टेज मटेरियल नदियों में बहाने के लिए हमेशा सुर्खियों में रहता है लेकिन अब कोयले के काले खेल में भी इसका नाम सुर्खियां बटोर रहा है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में एसईसीएल की मिलीभगत से यहां हजारों टन कोयले का खेल रोजाना खेला जा रहा है प्लांट को संचालित करने के लिए ओपियम प्रबंधन बिजली उत्पादन करता है जिसके लिए कोयले की आवश्यकता पडती है लेकिन जब प्रबंधन से पूछा जाता है कि कितने मेगावाट बिजली की आपको आवश्यकता है तो जवाब गोलमोल दिए जाते हैं प्रबंधन के द्वारा विद्युत कर एवं जलकर में भी प्रशासन को चूना लगाया जा रहा है एनजीटी के मापदंडों का पालन करने में भी प्रबंधन हमेशा आनाकानी करता है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ईएसपी मशीन लंबे समय से बंद पड़ी है लेकिन उसकी भी जानकारी प्रबंधन के द्वारा नहीं की जाती है लाइम स्लाज को नियमों के अनुसार डिस्पोज नहीं किया जाता है राज्य शासन यदि इन बिंदुओं पर निष्पक्ष जांच कराए तो कई बड़े खुलासे व भ्रष्टाचार उजागर होंगे अपने निजी स्वार्थों के लिए नित नए प्रोजेक्ट ओरिएंट पेपर मिल द्वारा लगाए जा रहे हैं फर्जी तरीके से एसईसीएल में पेपर लगाकर कोयले कारण लंबे समय से किया जा रहा है यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए और एसईसीएल प्रबंधन एवं ओरियंट पेपर मिल से यह सवाल किया जाएगी हजारों टन कोयला प्रतिदिन क्यों एवं कैसे दिया जा रहा है तो ओपियम प्रबंधन के साथ-साथ कालरी प्रबंधन के भी कई अधिकारी बेनकाब हो सकते हैं क्षेत्र की पवित्र सोन नदी में भी जहरीले पानी को छोड़ने का सिलसिला लंबे समय से प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है लेकिन पता नहीं किन कारणों से कभी ना तो इसकी जांच होती है और ना ही कंपनी के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही फिलहाल कोयले का काला खेल कागजों में खेला जा रहा है जिसकी जांच होनी अत्यंत आवश्यक है।