आर ओ एम की जगह स्टीम का कुरसियां कालरी में चल रहा खेल सरकार को करोड़ो रुपय का चूना लगा रहे अधिकारी
चिरमिरी(कोरिया)वर्तमान स्थिति में कोयले का संकट पूरे भारत मे मंडरा रहा जिसको देखते हुए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार उद्योग और बिजली संकट से न जूझना पड़े इसके लिए नित नए उपाय कर रही है।
वही कुरसियां कलारी में इन दिनों एक नंबर और दो नंबर का खेल चल रहा
आपको बता दे कि आर ओ एम(रानीगं ऑफ माइंस)का डीओ लगाकर स्टीम कोयला उपभोक्ताओं को मोटी रकम ले कर सेल्स अधिकारी और उच्च अधिकारियों की मिलभगत से खेला जा रहा, आप स्थानीय कुरसियां कालरी में जा कर स्वयं देख सकते है कि सैकड़ो की तादाद में लेबर ट्रकों से कोयला छांट कर भरते है, नियमतः देखा जाए तो जो कोयला रानीगं ऑफ माइंस हो उसे ही उपभोक्ताओं को देने का नियम है।
लेकिन अधिकारियों की पैसों के प्रति बढ़ती हवस में यहाँ बाकायदा कोयला छांट कर दिया जा रहा है। स्टीम से लेकर आर ओ एम तक आपको यही माजरा देखने को मिलता है।
वही जब हमारे प्रतिनिधि ने मौका मुआयना पर पहुँचे और लेबरों से लेकर गार्ड तक से बातचीत की तो कई राज खुले चुकी हमारे प्रतिनिधि कुरसियां कलारी में डीओ होल्डर बन कर गए थे(छदम रूप में) तो जो वहाँ के सूरते हाल थे बिल्कुल ही अलग थे सैकड़ो की तादाद में लेबर बैकरो के नीचे खड़े ट्रांको से वेस्टेज पत्थर मिट्टी की छटाई कर रहे थे जो कि नियमतः गलत है। और इतनी भारी संख्या में बैंकर के नीचे लेबरों का होना बड़े गंभीर खतरे को निमंत्रण देना ही कह जाएगा यदि किसी प्रकार का हादसा होता है तो उस हादसे का जिम्मेवार क्या एस ई सी एल होगा??
यह बड़ा ही गंभीर विसय है चंद पैसों की ख़ातिर मजदूरों को मौत के मुँह में झोंका जाना कदापि उचित नही है।
जब हमारे प्रतिनिधि ने वहाँ पर उपस्थित लोगों से बात की तो उन्होंने बताया और गंभीर आरोप भी लगाए जिनमे प्रमुख था कि कौन कौन पैसा लेता है तो जो बात खुल कर सामने आई वह बेहद ही चौकाने वाली है की सरकार द्वारा निर्धारित सैलरी तो उन्हें मिल ही रही वही जिस थाली में खाओ उसी में छेद करना कोई एस ई सी एल के अंदर ही सुराख करने वाले नासूर बड़े बड़े पदों पर बैठे है।
कितना हिस्सा किसे मिलता है आइए जानते है कालरी कर्मचारियों की जुबानी
यदि कालरी के कर्मचारियों की बात माने तो यहाँ तो उल्टी गंगा ही चल निकली है।नाम न छापने की शर्त पर एस ई सी एल कर्मचारी ने बताया कि
20 रुपए टन मैनेजर को
10 रुपए टन सब एरिया मैनेजर को
20 रुपए टन इनको संरक्षण शुल्क के रूप में पुलिस लेती है
5रुपए टन गार्ड, बैंकर, काटा बाबू को
10रुपए टन जी एम ऑफिस को जब उपभोक्ता चढ़ावा चढ़ते है तब ही उन्हें यह सुविधा प्रदान की जाती है, आप आर ओ एम की जगह स्टीम आसानी से ले जा सकते है
नाम न छापने की शर्त पर कुछ ट्रक चालकों ने लागए गंभीर आरोप
वही ट्रक चालको से जब उन के साथ आ रही समस्याओ पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि, यहाँ सिर्फ अंतहीन समस्या ही समस्या है। न तो कोलडम्प के पास पानी की सुविधा न ही शौचालय की ही व्यवस्था है। ऊपर से हमारी खड़ी गाड़ियों से डिझल भी चोरी हो जाता है। अपनी यह व्यथा हम किस से कहें सालो से यही सब झेल रहे है वही दूसरे ट्रक चालक ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहाँ गेट में इंट्री से लेकर कांटा और निकासी तक मे हजारो रुपए कलारी के अधिकारियों को बतौर नज़राना देना पड़ता है। यदि अधिकारियों को पैसा नही देते तो गाड़ियों में खामियां निकाला जाने लगता है। ट्रक चालकों ने आगे अपनी व्यथा बताते हुए रुंधे गले से बताया कि साहब इसी छेत्र में ही इतनी रुपयों की माँग एस ई सी एल के अधिकारियों द्वारा वसूली जाती है। बोल देने पर गाड़ी ब्लैक लिस्ट व डीओ होल्डरों पर अधिकारी दवाब बनाते है कि अमुक गाड़ी को दुबारा अपने डीओ से कलारी में प्रवेश मत होने देना नही तो फिर तुम समझना