जीरम राजनीति का नहीं कांग्रेस के लिये वेदना का विषय:सुरेन्द्र शर्मा
रायपुर/ भारतीय जनता पार्टी के उस बयान पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र शर्मा ने कड़ी आपत्ति की है जिसमें कांग्रेस पार्टी पर झीरम मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया गया है। भारतीय जनता पार्टी को जीरम जैसे संवेदनशील मामले में इस तरह के बयान देने में संकोच भी नही है, यही उनका असली चरित्र है। कांग्रेस पार्टी ने झीरम नरसंहार में अपने नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को खोया है। जीरम भाजपा के लिये राजनीति का विषय हो सकता है लेकिन कांग्रेस के लिए राजनीति नहीं वेदना का विषय है। मैं स्वयं उस घटना में घायल हुआ था, जहां नक्सली नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल को ढूंढ रहे थे। यह प्रश्न आज भी अनुत्तरित है कि अगर यह सामान्य नक्सली हमला था तो नंदकुमार पटेल को नाम लेकर नक्सली क्यों खोज रहे थे? दरभा और तोंगपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पहुंच जाने पर भी पुलिस घटना स्थल पहुंचने में चार घण्टे का समय क्यों लगाया? घटना के दिन 25 मई 2013 को ही पुलिस व्यवस्था पूर्व से कम किसके ईशारे पर की गयी थी? बीजापुर और दंतेवाड़ा में पुलिस व्यवस्था संतोषप्रद थी जबकि सुकमा प्रवास के समय सामान्य आदमी भी समझ सकता था कि सुरक्षा व्यवस्था त्रुटिपूर्ण है। परिवर्तन यात्रा में सुरक्षा प्राप्त महेन्द्र कर्मा जैसे नेताओं के होने के बावजूद आरओपी तक नहीं की गयी थी। सी.डी. कांड में एक दिन में झूठी रिपोर्ट पर आरोपी की गिरफ्तारी, वह भी दिल्ली जाकर, केबिनेट की बैठक, सी.बी.आई. जांच का संकल्प, मंत्रिमंडल का थाने पहुंच जाना जैसी तत्परता दिखाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार झीरम जैसे मामले में सी.बी.आई. जांच करवाने से क्यो बच रही है? कांग्रेस नेताओं और परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कोई प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कांग्रेस के नेताओं की एक पूरी पीढ़ी की हत्या के लिए कौन जिम्मेदार है? यह जानने का हक कांग्रेस और छत्तीसगढ़ की जनता को है या नहीं?घटना के पश्चात आपराधिक जांच का जिम्मा एनआईए को सौपा गया था वही सुरक्षा में बरती गई कमी आदि की जांच हेतु श्री प्रशांत मिश्रा जी, मा. न्यायाधीश छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया था। स्पष्ट रूप से आपराधिक षड़यंत्र की जांच न्यायिक जांच आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस में नहीं है अतः वह आपराधिक षड़यंत्र की जांच नहीं कर सकता। इस परिस्थति में ही घटना से प्रभावित परिवार के सदस्यों के साथ कांग्रेस पार्टी ने आपसे अनुरोध किया था कि घटना के लिये वृहद आपराधिक षड़यंत्र की जांच आवश्यक है जिसके बाद राज्य सरकार विधानसभा में इसकी घोषणा की थी और अधिसूचना भी जारी कर दी। उक्त बात को एक वर्ष से अधिक हो चुका है और आज तक सीबीआई जांच का अता पता नहीं है बीच में ऐसे समाचार प्रकाशित हुये कि उक्त जांच सीबीआई के भिलाई आफिस जो कि आर्थिक अपराध शाखा है को दी गयी थी जिसने जांच से मना कर दिया। आज तक इस पर वस्तुस्थिति सरकार ने स्पष्ट नहीं की है। जीरम मामले में राजनीति कांग्रेस नहीं, भारतीय जनता पार्टी कर रही है। भाजपा की सरकार और भाजपा के नेता दूसरो पर आरोप लगाने की जगह जीरम से जुड़े इन सवालों का जवाब दें। छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है जीरम के जघन्य हत्या कांड के पीछे किसका हाथ था और कौन-कौन इसके लिये जिम्मेदार है?