घर-घर गीता हो, हरमन में गीता के सूत्र हों : गीतानुरागी श्रीकांत
14 दिसंबर को गीता जयंती महोत्सव श्रद्धामय मनाया जायेगा
बुढार। मानव कल्याण आश्रम (गीताधाम) कटकोना, बुढार के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती के परम शिष्य गीतानुरागी श्रीकांत शर्मा ने 14 दिसंबर को गीता जयंती के पुण्य अवसर पर गीता पूजन-अर्चन, गीतापाठ, गीता सत्संग तथा गीता प्रश्नोत्तरी जैसे धार्मिक कार्यक्रम में श्रद्धालु जनों से सहभागिता निभाने की आकांक्षा व्यक्त की है।
गीतानुरागी श्रीकांत शर्मा ने कहाकि – घर-घर गीता हो, हरमन में गीता के सूत्र हों, तभी मानव कल्याण पथ का निर्माण होगा।
इसी पुनीत उद्देश्य को लेकर जीवन पर्यन्त पूज्य गुरुवर ब्रह्मलीन स्वामी श्री सच्चिदानंद सरस्वती जी महाराज मानव कल्याण की दिशा में पूर्णतः तत्पर रहें, ऐसे पूज्य स्वामी – मानव कल्याण के पथ पर चलकर, मानव कल्याण के लिये महान पवित्र सदग्रंथ श्रीमद्भगवत गीता के सूत्रों पर जन-जन से चर्चा, सत्संग, अध्यात्मिक उपदेश सहज एवं सरल भाषा में श्रद्धालुधर्म प्रेमियों के मध्य करते रहे और गीता पढ़ने की सद्प्रेरणा प्रदान करते रहे।
गीतानुरागी श्रीकांत शर्मा ने कहाकि – सदग्रंथ श्रीमद्भगवत गीता आने वाली पीढ़ी एवं सनातन पवित्र वाणी से जुड़ने व अपने कल्याण एवं मानव समाज के कल्याण की अध्यात्मिक शक्ति व ऊर्जा का संचार करने वाला सदग्रंथ है जिसे गीता जयंती महोत्सव पर श्रद्धालु जन पूजन-अर्चन कर व गीतापाठ कर अपना जीवन सौभाग्यमय बनायें।