धान उपार्जन केंद्र बदलने से किसान नाराज, २ दिन में समस्या हल नही तो करेंगे आंदोलन
8 सूत्रीय मांग को लेकर किसानों ने कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
अनूपपुर,अनूपपुर जिले के ग्राम बेलिया बड़ी के किसानो का धान उपार्जन केंद्र पहले देवगवां था जिसे बदलकर कोतमा कर दिया गया हैं जबकि कुछ किसानों के धान कट चुके है और कुछ के कट रहे हैं केंद्र बदलने से किसान काफी चिंतित हैं। देवगवां बेलिया बड़ी से 3 किलोमीटर है जिससे किसान बैलगाड़ी और अन्य साधन से कम खर्चे में किसान अपना धान बेच देते थे जबकि अब कोतमा कर देने से 12 किलोमीटर किसानों को जाना पड़ेगा जिसके कारण भाड़ा और समय ज्यादा खर्च होगा जबकि अन्य गांव का देवगवां केंद्र अभी भी है जिसके कारण किसान काफी ज्यादा नाराज हैं कुछ किसान अभी नाराजगी व्यक्त करने जिला मुख्यालय अनूपपुर कलेक्टर कार्यालय पहुँच गए और कलेक्टर महोदया को किसानों ने अपनी समस्या को बताते हुए 8 बिंदु की मांग का ज्ञापन सौपे है किसानों की समस्या को देखते हुए कलेक्टर महोदया ने समस्या हल करने का आश्वासन दिया है। किसानों ने ज्ञापन में यह भी अल्टीमेटम दिया है कि अगर 2 दिन में किसानों की समस्या हल नही हुई तो किसान कोविड़ 19 के नियमो का पालन करते हुए आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे जिसकी समस्त जबाबदारी प्रशासन की होगी।
ये है किसानो की समस्याएं
- प्रार्थीगण ग्राम बेलिया बड़ी जिला अनुपपुर मध्यप्रदेश के मूल निवाशी है और जीवकोपार्जन हेतु सहकारी समिति से ऋण लेकर कृषि का कार्य करते हैं।
- यह कि इस वर्ष के पूर्व वर्षों से ग्राम बेलिया बड़ी के खरीफ फसलों के उत्पादों की खरीदी शासन के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति देवगवां के द्वारा अन्नपूर्णा वेयरहाउस जो की ग्राम देवगवां में स्थिति हैं जिसकी दूरी प्रार्थीगणों के ग्राम से मात्र 3 किलोमीटर है।
- यह कि इस वर्ष खरीफ फसलों के उपार्जन हेतु आदिम जाति सेवा सहकारी समिति देवगवां के द्वारा ग्राम बेलिया बड़ी के किसानों के लिए प्रथक से ग्राम बेलिया बड़ी से 12 किलोमीटर दूर कोतमा में मार्कफेड के गोदामों के पास बनाया गया है। जबकि अन्य गावो के लिए उपार्जन केंद्र देवगवां अन्नपूर्णा वेयरहाउस में ही है।
- यह कि ग्राम बेलिया बड़ी में कुछ लघु एवं कुछ बड़े कृषक है जो पूर्णरूपेण शासन के उपार्जन व्यवस्थाओं पर आश्रित है छोटे कृषक जिनके पास मात्रा 5 क्विंटल के फसल उत्पाद है उन्हें अपने फसल उत्पादों के विक्रय हेतु नए उपार्जन केंद्र कोतमा ले जाने में उनके फसल के विक्रय मूल्य से ज्यादा उन्हें भाड़ा ( ट्रांसपोर्टिंग चार्ज) देना पड़ेगा, चुकी अन्य जिलों में फसल उत्पादों को उपार्जन केंद्र तक लाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा किसान रथ का संचालन किया जा रहा है लेकिन हमारे ग्राम में ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है, विचारणीय है कि ऐसी स्तिथि में किसान करे तो करे क्या।
- यह कि ग्राम बेलिया बड़ी के किसानों के फसल उत्पाद को विक्रय करने के लिए प्रशासन के द्वारा समुचित केंद्र की व्यवस्था नहीं की जाएगी तो किसानों के फसल उत्पादों एवं किसानों की दुर्दशा हो जाएगी और किसान कर्ज में लदे रहेंगे।
- यह कि किसानों की फसल यदि शासन के द्वारा उचित प्रबंध कर नहीं खरीदी जाएगी तो किसानों के सारे फसल उत्पादों को बिचौलियों द्वारा खरीद लिया जाएगा और किसान ऐसा करने को मजबूर होंगे।
- यह कि ग्राम बेलिया बड़ी से कोतमा पहुच मार्ग अभी निर्माणधीन है जिसके कारण किसानों को अपने फसल उत्पादों को कोतमा ले जाने में भारी असुविधा का भी सामना करना पड़ेगा।
- यह कि यदि शासन के द्वारा उपार्जन केंद्र का उचित प्रबंध कर धान की खरीदी नहीं की जाएगी तो ग्राम बेलिया बड़ी के आधे से अधिक किसान कर्ज के मनोव्यज्ञानिक दबाब में आकर किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं।
किसानो ने कलेक्टर महोदया से आग्रह किये हैं कि हमारा धान उपार्जन केंद्र पुनः देवगवां करके किसानों की समस्या हल किया जाए।