नक्सल हिंसा पीड़ित भानुप्रतापपुर तक पहुंची रेल,डॉ. रमन सिंह ने कहा – वर्ष 2017 दे गया एक और बड़ी सौगात
मुख्यमंत्री ने दी बधाई: गुदुम-भानुप्रतापपुर रेल मार्ग का निर्माण पूर्ण: कामयाबी के साथ हुआ इंजन का ट्रायल रन
रायपुर, राज्य की लौह अयस्क नगरी दल्लीराजहरा से नक्सल हिंसा पीड़ित आदिवासी बहुल कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर तक रेल मार्ग का निर्माण पूरा हो गया है। इतना ही नहीं बल्कि इस मार्ग पर गुदुम से भानुप्रतापपुर तक रेल इंजन का परीक्षण परिचालन भी आज सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नये वर्ष 2018 की पूर्व बेला में दल्लीराजहरा-रावघाट 235 किलोमीटर की रेल मार्ग परियोजना के अंतर्गत गुदुम-भानुप्रतापपुर खण्ड में रेल इंजन के सफल ट्रायल रन पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 अपने अंतिम दिवस पर छत्तीसगढ़ राज्य की जनता और विशेष रूप से आदिवासी बहुल बालोद और कांकेर जिले के लोगों को एक बड़ी सौगात देकर बिदा हुआ है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए क्षेत्र की जनता सहित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा और केन्द्र सरकार के उपक्रम ‘रेल विकास निगम लिमिटेड’ के अधिकारियों-कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी
है। उल्लेखनीय है कि आज इस रेल खण्ड में इंजन के ट्रायल रन के अवसर पर जनता में भारी उत्साह नजर आ रहा था। गुदुम रेल्वे स्टेशन में भी लोगों की काफी चहल-पहल देखी गई। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बधाई संदेश में कहा – दल्लीराजहरा से गुदुम तक 17 किलोमीटर रेल मार्ग का पहले ही पूर्ण हो चुका था। इस मार्ग में दल्लीराजहरा से गुदुम-दुर्ग होते हुए रायपुर तक जनता को पैसेन्जर ट्रेन की सेवाएं भी मिलने लगी हैं। डॉ. रमन सिंह ने कहा – दल्लीराजहरा से जगदलपुर (बस्तर) तक रेल मार्ग निर्माण केन्द्र और राज्य दोनों के लिए एक बड़ा ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है। छत्तीसगढ़ सरकार इस परियोजना के निर्माण के लिए विगत लगभग तेरह वर्षों से लगातार पहल करती आ रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे केन्द्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है। अब यह परियोजना जल्द से जल्द पूर्ण होगी और बस्तर अंचल की जनता को इस रेल मार्ग के जरिए राजधानी रायपुर से सीधे जुड़ने की सुविधा मिलेगी। डॉ. रमन सिंह ने कहा – विगत एक फरवरी 2016 को दल्लीराजहरा से गुदुम तक 17 किलोमीटर तक पैसेन्जर ट्रेन का शुभारंभ हो चुका था और आज बालोद जिले के गुदुम से कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर तक इसका विस्तार हो गया है।