मां नर्मदा की धरती अमरकंटक में जल्द अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा की जाए प्रारम्भ : श्रीधर शर्मा
इस धरा पर आए समूचे जगत के लोगों को मां नर्मदा का आशीर्वाद मिल सके, इस उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय विमान सुविधा का शीघ्र होना चाहिए संचालन
रेवा तटे तपं कुर्यात,
मरणं जान्हवी तटे।।
अनूपपुर (अविरल गौतम) अमरकंटक मां नर्मदा की यह पावन धरा न केवल मां नर्मदा का उद्गम स्थल है, अपितु यह भारतीय अध्यात्म और दर्शन है। रेवा (नर्मदा) का उद्गम स्थल मैकाल पर्वत अमरकंटक में है। माँ नर्मदा की परिक्रमा आदि काल से की जा रही है। मां नर्मदा जी के पावन व अमृत समान जल से पश्चिम भारत का समूचा भू- भाग अभिसिंचित होकर भौतिक प्रगति को ओर निरंतर अग्रसर रहा है और आज समूचा भारत देश मां नर्मदा के आशीर्वाद से अभिसिंचित होकर निरंतर आधुनिक युग की परिसीमा को छू रहा है। इनकी परिक्रमा उद्गम स्थल से लेकर गुजरात प्रदेश के भरुच तक की जाती है।
वैशाखे चैवे सम्प्राते सप्तमयाच दिने शुभे। सिते पक्षे सदा गंगा हृयायाति दिसत्तम।। (श ॰ म ॰ पु॰, 4/6/60)
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से पूर्व कथाओं में वर्णन किया जाता है कि मोक्षदायिनी माँ गंगा स्वयं वर्ष में एक बार नर्मदा में स्नान करने आती हैं। वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन नर्मदा में गंगा का वास रहता है। इस दिन बड़े पैमाने पर देश के कोने-कोने से भक्त जन आकर मां रेवा के दर्शन करते हैं। ऐसे महत्पूर्ण स्थल का विकास अब तक बाधित रहा है, इस दिशा मे आवागमन हेतु सुविधाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव श्रीधर शर्मा ने भारत देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से मांग की है कि अमरकंटक के लिए आवागमन सुविधा जल्द से जल्द विकसित किए जाने की आवश्यकता है। श्री शर्मा ने माननीय प्रधानमंत्री जी से पत्राचार कर आग्रह किया है कि अमरकंटक को विमान सुविधा से जोड़ने पर विचार किया जाए और जल्द से जल्द अमरकंटक को अंतर्राष्ट्रीय हवाई सुविधा प्रदान करने की कृपा करें। आपने पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुभारंभ की तर्ज पर अमरकंटक में भी “माँ नर्मदा एयरपोर्ट” का शुभारंभ किया जाए।