कास्टिक यूनिट में निकम्मा प्रबंधक और नाकाम सुरक्षा विभाग।
उद्योग के अंदर होने वाली छोटी बड़ी दुर्घटनाओं के प्रति असंवेदनशील प्रबंधक वर्ग।
अनूपपुर। (अविरल गौतम) जिले की सीमा पर संचालित सोडा कास्टिक यूनिट ओरियंट पेपर मिल अमलाई बरसों से बरगवां की भूमि पर उद्योग स्थापित कर करोड़ों का उत्पादन कर रही है चारों ओर से सुरक्षित होने के बावजूद सुरक्षा की दृष्टिकोण से सुरक्षा विभाग द्वारा बेबुनियाद व निरर्थक कार्यप्रणाली को सहज देखा जा सकता है। बिगर 10 वर्षों के अंतराल में उद्योग के अंदर कई छोटी बड़ी घटनाएं व कार्यरत मजदूर कर्मचारियों के साथ दुर्घटनाएं होती रही हैं किंतु चीफ सिक्योरिटी मैनेजर के पद पर बैठे अधिकारी महोदय संस्थान की सुरक्षा और मजदूरों कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर अनभिज्ञ अपने मेन गेट स्थित कार्यालय में बैठकर संचालन करते हैं इनके द्वारा दिन में एक भी बार उद्योग के अंदर किसी भी प्रकार की निगरानी व देखरेख नहीं की जाती है अपने कार्य के प्रति इतने लापरवाह सुरक्षा विभाग का आला अधिकारी पहली बार इस हेवी केमिकल प्लांट में देखा गया है।
यही हाल उद्योग के कार्मिक प्रबंधक का भी है इनके द्वारा अपने एसी कार्यालय से बाहर ना निकल कर संचालित उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों के बीच अपने कर्तव्यों के प्रति आ संवेदनशीलता का परिचय देते हैं सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि पूर्व में उद्योग के मैनेजर के द्वारा निरंतर हर 2 घंटे में कार्य के दौरान कार्यरत कर्मचारियों व मजदूरों के बीच जाकर उनको हो रही समस्याओं और उद्योग संचालन में उपयुक्त होने वाली संयंत्रों उपकरणों की सघन निगरानी प्रतिदिन किया जाता था जिसकी वजह से अधिकारी और कर्मचारियों के बीच अच्छी तालमेल के कारण उद्योग के उत्पादन में अत्याधिक वृद्धि होता था और पूर्व प्रबंधन के द्वारा मजदूरों के हित में उनकी सुरक्षा को लेकर एक सजग प्रहरी की तरह कार्य करती थी किंतु वर्तमान में उद्योग के प्रबंधक के द्वारा सिर्फ और सिर्फ उद्योग के उत्पादन के अलावा अन्य किसी भी समस्याओं को लेकर सजगता और सुरक्षा की दृष्टिकोण मैं खरे नहीं उतर रहे हैं।
सूत्रों की माने तो उद्योग के सुरक्षा विभाग के आलाकमान महीने में 15 दिन की छुट्टी में रहते हैं क्योंकि इन्हें कई बीमारियों ने ग्रसित कर रखा उद्योग की सुरक्षा और कर्मचारियों मजदूरों की सुरक्षा से कोई सरोकार नहीं।
और यही हाल सोडा कास्टिक यूनिट के कार्मिक प्रबंधक की है बताया जाता है कि बड़े ही सीधे-साधे और शांत स्वभाव के होने के कारण इनकी एक अलग ही पहचान है। कुत्सित मानसिकता के कारण उद्योग के बाहर इनका व्यवहार उद्योग से प्रभावित लोगों और आसपास के प्रभावित ग्रामीणों के प्रति ईर्ष्या द्वेष पूर्ण भावना से भरा हुआ है।
इस प्रकार सोडा कास्टिक यूनिट के इन दोनों अधिकारियों की नाकामी और निकम्मे पन के कारण आए दिन उद्योग के अंदर कार्य ठेकेदारी मजदूर और स्थाई कर्मचारियों के साथ छोटी बड़ी घटनाएं होती रहती हैं। मानव जीवन के प्रति इनकी संवेदना नकारात्मक मानसिकता से भरा हुआ है।
उद्योग से प्रभावित लोगों को दी जाने वाली बुनियादी एवं मूलभूत सुविधाओं जैसे शिक्षा चिकित्सा वाहन सुविधा विद्यालय हेतु वाहन के साथ-साथ पेयजल व्यवस्था आदि को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया जिसमें इनके द्वारा अस्पताल में और उद्योग के अंदर दुर्घटनाग्रस्त कर्मचारियों मजदूरों और ग्रामीणों को अन्य चिकित्सालय ले जाने के लिए जिस एंबुलेंस का उपयोग किया जाता था अब वह एंबुलेंस स्टेशन रेलवे से लोगों को लाने ले जाने का कार्य कर रही है।
विद्यालय के लिए चलाई जा रही बस वाहन अब विद्यालय के छात्रों को नहीं बल्कि नमक का रैक जो रेलवे के माध्यम से इनके उद्योग में आता है उसे खाली करने के लिए ठेकेदार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से मजदूरों को लाने ले जाने का कार्य कर रही है। पूर्व में संचालित एच जे आई हाई स्कूल को बंद कर अपने कर्मचारियों व ग्रामीण जनों के बच्चों को मिलने वाली सुविधा से वंचित कर दिया गया।
प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सा के नाम पर इनके द्वारा संचालित अस्पताल में चिकित्सकीय व्यवस्था इस प्रकार है कि अगर किसी भी कर्मचारी मजदूर और ग्रामीण जनों को छोटी मोटी दुर्घटना होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य की व्यवस्था में कमी के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का ना होना इनके इस प्रकार प्रभावित लोगों के प्रति भावना साफ तौर पर देखी जा सकती है।
ऐसा प्रतीत होता है कि जिस उद्योग का जिम्मेदार व्यक्ति अपने उद्योग के अंदर कार्य कर रहे स्थाई कर्मचारियों और मजदूरों के प्रति उनकी सुविधाओं को लेकर संवेदनशील नहीं है वह उद्योग के बाहर इनके प्रदूषण से प्रभावित ग्रामीण जनों के हित में क्या मानसिकता हो सकती है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
ठेकेदारी प्रथा का संचालन कर अपनी कमीशन खोरी को अनवरत चालू रखने के लिए नए-नए निर्माण कार्यों और पूर्व से चल रहे कार्यों को लेकर एक ही व्यक्ति को कई विभागों का ठेका देकर लाभ पहुंचाने की नियत से उद्योग और उद्योग में कार्य कर रहे ठेकेदारी मजदूरों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है कम मजदूरी भुगतान करने के साथ-साथ ऐसे अकुशल मजदूरों के द्वारा इस प्रकार का कार्य लिया जाता है जिस कार्य को करते समय वह अकुशल मजदूर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और इनके द्वारा शासन के द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप श्रम विभाग की नियमों की खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई जाती हैं।