सीने में वतन और दुवाओ में छत्तीसगढ़ की सलामती की दुआ मागते उमरा में गये ईमाम ने मक्का में तिरंगे को सीने से लगाए रखा
सरायपाली,मुस्ताफिज़ आलम । देश-दुनिया में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं के चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों को शक की निगाहों से देखा जाता है और उनकी देशभक्ति पर भी शक किया जाता है। वर्तमान में भी कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा समाज में मुसलमानों को लेकर नफरत घोलने का कार्य किया जाता रहता है ऐसे में महासमुंद जिले के सरायपाली से उमरह पर गये मुस्लिम समाज, सरायपाली के पेश ईमाम अब्दुस्सत्तार अशरफी ने मक्का में शान से अपने देश का झंडा लहराकर न केवल अपनी देशभक्ति दिखाई है बल्कि उन लोगों के मुंह भी बंद कर दिये हैं जो मुस्लिमों की देशभक्ति पर विश्वास नहीं करते। अब्दुसत्तार ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि मैं मक्का और मदीने शरीफ की सफर में जरूर हँू लेकिन मेरा दिल आज भी हिन्दुस्तान में धड़क रहा है और जब मक्का शरीफ में तिरंगा लहराता है तो हर भारतीय मुसलमान का सिर फख्र से ऊंचा हो जाता है, हिन्दुस्तान से दूर मक्का शरीफ में देश की अम्र और शांति की दुआएं, ईबादतों में देश,और अपने प्रदेश छत्तीसगढ़ की खुशहाली और तरक्की की दुआ कर रहा हँू, उन्होंने आगे बताया कि मक्का पहुंचने पर उन्होंने तिरंगे के साथ अल्लाह से भारत की अखंडता और अमन-चैन की दुआ मांगी है। इस दौरान उन्होंने तिरंगे के साथ फोटो भी खिंचवाई जिसपर वहां कोई विरोध नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वे यह खबर देने के लिये फेसबुक में ऑनलाईन आने का इन्तजार कर रहे थे। राजनितिक उठापटक को छोड़ दें तो आज भी आज देश में सभी तरफ भाईचारा और अमन ओ शांति कायम है, हम हिन्दु हों या मुसलमान सबसे पहले हमारे लिये देश है, क्यूंकि देश प्रेम ईमान का हिस्सा है ये हजरत अली ने बताया है। इस मुल्क का हर मुसलमान देशभक्त है और इसी जमीं पर मरना मिटना चाहता है। हमारी पहचान हिंदुस्तानी है हर कौम परस्त इंसान हिंदुस्तानी है। उसकी तरक्की व खुशहाली के हमेशा दुआएं मांगता है। विदित हो कि सरायपाली के पेश ईमाम अशरफी 16 दिसम्बर से उमरह की पवित्र यात्रा पर रवाना हुए हैं। उनके साथ नगर के अन्य गणमान्य नागरिक भी पवित्र यात्रा पर हैं, जिनकी वापसी संभवत: 3 जनवरी तक होने की उम्मीद है जिसे लेकर पूरे समाजिकजनों में उनके स्वागत को लेकर उत्साह का माहौल है।