विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बने प्रसाधन हुए अनुपयोगी :कैद खानों में सिमटी बच्चो की जिंदगी
सूरजपुर :- शासन का स्पष्ट आदेश है कि शासकीय भवनों में शौचालय व पानी की सुविधा अनिवार्य रूप से दी जाए। लेकिन सूरजपुर जिले में स्थित इस बीईओ कार्यालय में ऐसा नहीं है क्योंकि यहाँ बाहर से आये हुए आगंतुक महिलाएं एवम् कर्मचारी आज भी खुले में नित्यकर्म करने पर मजबूर हैं। इस बात से अवगत हम तब हुए जब बीईओ कार्यालय के एक कर्मचारी ने बगल में ही स्थित पोस्ट मेट्रिक बालक छात्रावास के बच्चों को वहीँ जाकर फटकारने लगा। और कहाँ की बीईओ कार्यालय तरफ के किसी भी खिड़की को खोला तो किचन में शिफ्ट कर दूंगा। खिड़की खुला रखने से महिलाओं को परेशानी होती है। आपको बता दे की बीईओ कार्यालय के ठीक बगल में पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास स्थित है। जिसमे कमरा नंबर 20 से 26 तक की खिड़कियाँ बीईओ कार्यालय की तरफ ही खुलती हैं। वहीँ बीईओ कार्यालय के पीछे प्रसाधन कक्ष बना हुआ है। लेकिन वो भी जर्जर स्थिति में है और दरवाजा भी टुटा हुआ है। ऐसे में किसी भी जिम्मेदार अधिकार को यह नज़र नही आ रही है। वही छात्रावास के बच्चों का कहना है की हम खिड़की न खोले तो चार दिवारी में हमें बंद रहना पड़ेगा।यदि किसी दिन खिड़की खुली रह गई तो हमें कोप भजन सुनना पड़ता है ,अब हम जाए भी तो कहा हम लोगो की जिंदगी अब कैद खाने में ही सिमट कर रह गई हो जेसे और और यह कह कर बच्चे उदास मन से वापस उसी भवन में जाने लगे