November 23, 2024

जिले के अंतर्गत सट्टे का अवैध कारोबार चरम पर, पुलिस प्रशासन बना मूकदर्शक

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शहडोलl संभाग मुख्यालय सहित जैसीनगर, गोहपारू ,बाणसागर व्यवहारी ,सहित कोयलांचल के एवं बुढार मैं सट्टे का अवैध कारोबार चरम पर हैl जिला पुलिस प्रशासन द्वारा ऑपरेशन शंखनाद अभियान के तहत अपराधियों पर नकेल कसी गई लेकिन सटोरियों के तरफ पुलिस प्रशासन का शायद ध्यान नहीं गया तभी तो पूरे जिले में नगरीय क्षेत्र से लेकर ग्रामीण अंचल तक सट्टे का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है लेकिन पुलिस मौन धारण किए हुए हैंl हालांकि समय-समय पर स्थानीय पुलिस द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यवाही तो की जाती है लेकिन मात्र छोटे लोगों पर ही कार्यवाही की जाती है और असली सट्टा किंग पुलिस के नजर से हमेशा दूर रहता हैl कोयलांचल नगरी के बुढार में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति द्वारा लंबे समय से इस कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है और अब तो कथित नेता का मायाजाल नगर के अलावा ग्रामीण अंचल में भी फैल चुका हैl वही अमलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले बसाहट एवं कॉलोनियों में 1_80 बनाने का धंधा धड़ल्ले से चल रहा हैl अमलाई क्षेत्र के अंतर्गत चिप हाउस, रेलवे कॉलोनी, अमरा डंडी ,ओरियंट पेपर मिल, कॉलोनी, बकहो, रुंगटा कॉलोनी आदि स्थानों में धनपुरी नंबर 3 के होटल संचालक एवं नगर पालिका में लंबे समय से जनप्रतिनिधि रहने वाले नेता की जुगल जोड़ी द्वारा इस कारोबार को अंजाम दिया जा रहा हैl वही धनपुरी नगर में आधा दर्जन सटोरिया सक्रिय रूप से अपना माया जाल फैला चुके हैं जो कि बगवार कॉलोनी, बम्होरी सहित धनपुरी नगर में अपने एजेंटों के माध्यम से सट्टे की बुकिंग कराते हैं और धड़ल्ले से यह व्यापार कर रहे हैंl पूर्व थाना प्रभारी रत नंबर शुक्ला के कार्यकाल में कुछ हद तक सटोरियों को भय था किंतु उनके स्थानांतरण के बाद इनके हौसले बुलंद हो चुके हैंl
हाईटेक हो चुका है व्यापार
सट्टा व्यापार अब हाईटेक हो चुका है जिस कारण पुलिस प्रशासन के हाथ मुख्य सटोरियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं कारण की पूरा व्यापार मोबाइल एवं लैपटॉप के माध्यम से किया जाता है l
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी
संभाग मुख्यालय सहित कोयलांचल से लेकर ग्रामीण अंचल तक फैले इस कारोबार पर रोक लगाने के लिए जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी चुप्पी साध रखी है और जिले का कोई भी जनप्रतिनिधि सट्टे पर अंकुश लगाने के लिए धरना प्रदर्शन तो क्या ,ज्ञापन भी नहीं दिया जा रहा हैl सट्टा को सामाजिक बुराई माना जाता है किंतु इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि या समाज सेवक आगे नहीं आ रहा है जिसके कारण यह सामाजिक बुराई अमरबेल की तरह फैलता ही जा रहा हैl

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