November 23, 2024

मानवता शर्मसार: दर्द से कराहते रहे पति-पत्नी, घटना स्थल पर नहीं पहुंची 108, कचरा वाहन में अस्पताल से ले गए शव

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शहडोल/उमरिया. उमरिया जिले की सबसे शिक्षित और सबसे विकसित नगर पंचायत चंदिया में मानवता को शर्मसार कर देने वाला वाकया सामने आया है। जहां हादसे में घायल दम्पति को पहले तो अस्पताल पहुंचाने 108 एम्बुलेंस नसीब नहीं हुई। किसी प्रकार से दोनो को अस्पताल ले जाया गया तो वहां चिकित्सकों ने पति को मृत घोषित कर दिया गया। जिनके शव को ले जाने के लिए शव वाहन की जगह नगर पंचायत का कचरा वाहन उपलब्ध कराया गया। परिजनो को कचरा वाहन से शव ले जाना पड़ा। वहीं गंभीर रूप से घायल पत्नी को रेफर कर दिया गया है। हीं पति की मौत के बाद शव वाहन की जगह नगर पंचायत के कचरा वाहन से शव को ले जाना पड़ा। जानकारी के अनुसार चंदिया वार्ड क्रमांक 11 रेलवे कॉलोनी निवासी श्याम बिहारी श्रीवास्तव अपनी पत्नी राधा रानी श्रीवास्तव के साथ दो पहिया वाहन से बरही के समीप अपने पुस्तैनी गांव गए हुआ थे। जहां से लौटते समय चंदिया बाईपास के पास हादसे में दोनो गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल से स्थानीय लोगों द्वारा 108 एम्बुलेंस को फोन किया गया लेकिन 108 एम्बुलेंस नहीं पहुंची। घायल दम्पत्ति को स्थानीय लोगों की मदद से चंदिया स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। जहां पहुंचने के साथ ही चिकित्सक ने श्याम बिहारी श्रीवास्तव को मृत घोषित कर दिया। वहीं उनकी पत्नी राधा रानी की हालत गंभीर होने पर रेफर कर दिया गया। बाद में शव वाहन के लिए परिजन काफी परेशान हुए। उमरिया में शव वाहन न मिलने की वजह से कचरा वाहन, रिक्सा और ऑटो में शव ले जाने का ये कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में मानपुर के पतौर में भी लापरवाही उजागर हुई थी। यहां शव वाहन न मिलने से परिजन शव को बाइक में बाइक में रस्सी से बांधकर घर तक ले गए थे लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं आया है।
कचरा वाहन में ले गए शव
सबसे ज्यादा शर्मनाक वाक्या उस वक्त देखने मिला जब मृतक के शव को ले जाने के लिए शव वाहन की जगह नगर पंचायत का कचरा वाहन लाकर खड़ा कर दिया गया। इससे शर्मनाक बात क्या होगी कि जिस नगर पंचायत को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है। विकास कार्य के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं वहां के अस्पताल में एक शव वाहन तक उपलब्ध नहीं है। मृतक के शव को कचरा वाहन से ले जाना पड़ा।
कई बार हो चुके हादसे, नहीं बना अण्डर ब्रिज
स्थानीय निवासी एडवोकेट महेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त स्थल पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। कोई स्पीड ब्रेकर या अन्य एैसी व्यवस्था नहीं बनाई गई जिससे कि हादसों को रोका जा सके। यहां तक कि स्थानीय लोगों द्वारा लंबे अर्से से अण्डर ब्रिज की भी मांग की जा रही है। इस पर भी अभी तक किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हैवी वाहनों की धमाचौकड़ी की वजह से आए दिन हादसे होते रहते हैं। विकास के नाम पर चंदिया को स्मार्ट सिटी घोषित कर करोड़ो रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं अस्पताल में एक शव वाहन भी उपलब्ध नहीं है। मृतकों के शव को कचरा वाहन से ले जाना पड़ रहा है।

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