बच्चो के सर्वांर्गीण विकास के लिए पोषणयुक्त आहार आवश्यक-कमिश्नर
शिशु की एक हजार दिवस की देख-भाल उसे जीवनभर स्वस्थ रखेगी-कमिश्नर
कमिश्नर ने आदिवासी महिलाओं को अच्छे स्वास्थ्य के दिए सुझाव
शहडोल( अविरल गौतम) 05 जुलाई 2021- कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने कहा है कि बच्चों के संर्वांर्गीण के विकास के लिए माॅ एवं बच्चे को पोषणयुक्त आहार मुहैया हो यह अति आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि पोषणयुक्त आहार माॅ एवं बच्चे को स्वस्थ रखेगा, बच्चे का जीवन श्र इससे संर्वांर्गीण विकास होगा। कमिश्नर ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं और शिशुवती महिलाओं के लिए पोषणयुक्त आहार आॅगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से मुहैया कराने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। कमिश्नर ने कहा कि ग्राम पंचायतों के सरपंचो और सचिव, आॅगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं गाॅव के जागरूक लोगो का यह कर्तव्य है कि यह पोषणयुक्त आहार गाॅव की गर्भवती महिलाओं, शिशुवती महिलाओं तथा बच्चों तक पहॅुचाना सुनिश्चित करंे। कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा रविवार को आकाशकोट क्षेत्र के आदिवासी बाहूल्य ग्राम बाजाकुंड के चैपाल मंे लोगो को समझाईस दे रहे थे।
ग्राम चैपाल में कमिश्नर ने आदिवासी महिलाओं से चर्चा करते हुए कहा उनसे गाॅव में कोरोना की स्थिति के संबंध मंे जानकारी ली। महिलाओं ने कमिश्नर को बताया कि गाॅव मंे किसी भी व्यक्ति को कोरोना का संक्रमण नही हुआ। कमिश्नर शहडोल संभाग ने महिलाओं को स्वस्थ रहने के टिप्स देते हुए कहा कि महिलाएं बच्चों को आॅगनबाडी केन्द्र भेंजे, आॅगनबाडी केन्द्र द्वारा दिए जा रहे पोषण आहार का उपयोग करंे, गर्भवती महिला एवं शिशुवती महिलाओं को दिए जा रहे पोषण आहार का भी उपयोग करंे। कमिश्नर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों मंे मुनगा, पालक भाजी, लाल भाजी, चैलई भाजी, बथवा भाजी, सरसो भाजी एवं अन्य भाजिया होती है, इन भाजियों मंे काफी पोषक तत्व होते है, इनका उपयोग करंे।
कमिश्नर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को आॅगनबाडी केन्द्र द्वारा 180 ग्राम पोषण आहार अलग से मिलता है, इसे गर्भवती महिलाओं को खाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर 04 बार टीका लगवाना चाहिए तथा एक बार गर्भवती महिलाओं का चिकित्सा परीक्षण भी होना चाहिए, इसकी व्यवस्थाएं मध्यप्रदेश शासन द्वारा की गई है। कमिश्नर ने कहा कि गर्भकाल में गर्भवती महिलाओं का वजन 10 किलोग्राम बढ़ा होना चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि बच्चे के संर्वांर्गीण विकास के लिए एक हजार दिवस महत्वपूर्ण होते है। उन्होंने कहा कि एक हजार दिवस बच्चे की परिवरिश ठीक से हुई तो वह जिन्दगी भर स्वस्थ रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर जन्म के समय शिशु कमजोर पैदा हुआ तो वह जिन्दगी भर कमजोर रहेगा।
कमिश्नर ने महिलाओं को समझाईस देते हुए कहा कि वे आॅगनबाडी केन्द्र द्वारा दी जा रही संदर्भ सेवाओं का लाभ उठाएं। कमिश्नर ने कहा कि बालको के साथ ही बालिकाओं का भी पोषण अच्छा होना चाहिए। बेटों के साथ-साथ बेटियों के स्वस्थ का भी ध्यान रखें। बेटिया मजबूत एवं स्वस्थ होना चाहिए। बेटियां मजबूत होंगी तो स्वस्थ शिशु को जन्म देंगी।
इस अवसर पर कलेक्टर उमरिया श्री संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि आॅगनबाडी केन्द्रों मंे पोषण आहार का वितरण किया जा रहा है तथा संदर्भ सेवाएं दी जा रही है, महिलाओं और बच्चों को इन सेवाओं का लाभ उठाना चाहिए।