तो क्या गुटबाजी को लेकर नहीं घोषित हो पा रही कार्यकारिणी
अनूपपुर( अविरल गौतम )प्रदेश संगठन द्वारा तय किया गया था कि बीते 30 जून तक प्रदेश की बाकी जिलों में जिला कार्यसमिति की घोषणा कर दी जाए जिसमें भारतीय जनता पार्टी जिला इकाई अनूपपुर का भी गठन होना था लेकिन अभी तक कार्य समिति का गठन नहीं हो पाया है ऐसे में जन चर्चा शुरू हो गई है कि क्या जिले में भाजपा की गुटबाजी के कारण जिला कार्य समिति के गठन में विलंब हो रहा है पहले भी मंडल अध्यक्ष की घोषणा में गुटबाजी साफ तौर पर देखी गई थी उसके बाद मंडल कार्यसमिति के गठन में भी चर्चाओं का बाजार गर्म था सबसे अधिक चर्चा अनूपपुर नगर मंडल के अध्यक्ष एवं अनूपपुर ग्रामीण मंडल के मंडल कार्य समिति के गठन को लेकर सुनने में आई थी अब जिला इकाई की जिला कार्यसमिति का गठन होना है उसमें भी ऐसा लग रहा है की गुटबाजी ही इसके लिए जिम्मेदार है भारतीय जनता पार्टी में पूर्व से ही दो ग्रुप हावी हैं और अब कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह का गुट भी संगठन में हावी होता दिखाई दे रहा है लगभग 60 लोगों की टीम से जिला कार्यकारिणी का गठन होना है और दावेदार 100 से कम नहीं है ऐसे में जिला की टीम में इसे एडजस्ट किया जाए और किसे बाहर रखा जाए इसमें ही माथापच्ची होने की खबर है सबसे अधिक मारामारी जिला महामंत्री पद को लेकर है जिसमें एक अनुसूचित जनजाति से और दो अन्य वर्ग से महामंत्री बनाना है जिला अध्यक्ष चाहते हैं कि उनका चहेता इस पद पर रहे वही पूर्व विधायक एवं पूर्व जिला अध्यक्ष चाह रहे हैं कि उनका समर्थक महामंत्री पद पर काबिज हो वही कैबिनेट मंत्री के समर्थक भी इस पद पर काबिज होना चाह रहे हैं जिस प्रकार से प्रदेश कार्य समिति के गठन में कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी शहडोल संभाग से प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनी है ऐसे में ऐसा माना जा रहा है कि जिला कार्यकारिणी के गठन में बिसाहूलाल के समर्थक भी जगह पा सकते हैं वैसे भी विधानसभा चुनाव में कोतमा एवं अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के कई कांग्रेसी कार्यकर्ता जोकि कैबिनेट मंत्री के समर्थक हैं वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले चुके हैं और जिला कार्यकारिणी में पदाधिकारी बनने का सपना संजोए हुए हैं अब देखना यह है कि जिला कार्यकारिणी के गठन में कैबिनेट मंत्री भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक् सहित पूर्व जिला अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक के समर्थक की कितना प्रतिशत स्थान रहता है