बरगवां की प्राचीन पहाड़ी सिद्ध बाबा में है सिद्ध पुरुष का निवास स्थान।
प्राकृतिक सौंदर्य व मनोरम छटाओ से भरा पड़ा है सिद्ध बाबा पहाड़ी।
बरगवां सोडाफैक्ट्री । ग्राम बरगवां के डोगरिया टोला में प्राचीन पहाड़ियों के ऊपर सिद्ध बाबा की अप्रत्यक्ष उपस्थिति को लेकर क्षेत्रीय जनों ने चर्चा का विषय है। इस आधार पर ग्रामीण जन किसी सिद्ध पुरुष के होने की पुष्टि करते हैं। जिसके आधार पर लोगों की धार्मिक आस्था यज्ञ भागवत अनुष्ठान रामलीला रासलीला भजन कीर्तन रामचरितमानस जैसी धार्मिक गतिविधियां का आयोजन वर्षों से होते आ रहा।
सिद्ध बाबा पहाड़ी को लेकर ग्रामीणों के द्वारा किंबदंती कही जाती है की वर्षों पूर्व यहां किसी सिद्ध पुरुष को देखा गया है और वह सिद्ध पुरुष केलहोरी बरगवां के बीचो बीच गुजरने वाली पानी के बहाव से भरा झील के किनारे किनारे प्रतिदिन बृहद आकार व स्वरूप में बह रही मैकल पर्वत अमरकंटक से उद्गम स्थल सोन नदी का गंभीर अवस्था में बरगवां से होकर कल कल करती बहती है।उसमें सिद्ध बाबा के द्वारा स्नान कर प्रातः काल प्रथम पूजा अर्चना बरगवां के सिद्ध हनुमान जी दक्षिणमुखी कि पूरा पूजा आराधना कर वहां से अपने स्थान सिद्ध बाबा पहाड़ी में हो जाते हैं विराजमान।
ग्रामीणों ने बताया कि 80 के दशक के अंतिम दिनों में हनुमान मंदिर के पीछे लगे जंगलों में चौकीदारी कर रहा एक अधेड़ उम्र का कर्मचारी प्रातः काल भोर में जब सिद्ध बाबा सिद्ध पुरुष स्नान के लिए सोन नदी की ओर जा रहे थे। उस समय उस कर्मचारी ने चौकीदारी के दौरान उन्हें देख लिया उन्हें देखते ही उसके द्वारा पूछा गया कि आप कौन हैं? और भोर काल में प्रातः काल कहां जा रहे हैं? सिद्ध पुरुष ने कहा कि तुम्हारे इस सवाल का जवाब मैं नहीं दे सकता बल्कि मेरे कहे अनुसार तुम एक कार्य करो क्योंकि पहली बार किसी व्यक्ति ने मुझे देख लिया है, तुम्हारे देखने के कारण मैं तुम्हारे ऊपर बहुत प्रसन्न हूं, इसलिए मेरे स्नान करके वापस होने के दौरान अपने झोपड़ी के स्थान पर मेरे पूजा आराधना करने की व्यवस्था करके रखना और इस बात की जिक्र किसी को नहीं करना ऐसा करने पर तुम्हें नुकसान हो जाएगा किंतु चौकीदार के द्वारा सिद्ध पुरुष के कहे अनुसार साफ सफाई कर हवन कुंड का निर्माण कर दिया गया किंतु उसके द्वारा यह बात सिद्ध पुरुष के मना करने के बावजूद अपने साथी चौकीदार जो कि उसकी झोपड़ी से 500 मीटर की दूरी पर रहता था उसे बताने के लिए जाने लगा आधे रास्ते में ही उसकी आवाज चली गई और जब सिद्ध पुरुष स्नान करने के उपरांत वहां आ कर देखें की तैयारी तो कर गया है किंतु यहां नहीं है, यह देख कर सिद्ध पुरुष भी वहां से चले गए इस प्रकार जंगल की देखरेख करने वाला चौकीदार 10 वर्षों तक नहीं बोल पाया अंततः उस चौकीदार ने 10 वर्षों के बाद जब उसकी आवाज वापस आ गई।इस पूरी घटना का वृतांत लोगों को सुनाया। यह है प्राचीन पहाड़ी बरगवां डोगरिया टोला में स्थित सिद्ध बाबा मंदिर की।
इस पहाड़ी के ऊपर शिव जी का मंदिर है वहां जाने पर पहाड़ी से मनोरम दृश्य और उसके सन्मुख हनुमान जी महाराज की मंदिर की छटा निराली दिखती है। इन्हीं सब धार्मिक मान्यताओं के आधार पर महाशिवरात्रि के दिन मेला का आयोजन होता है। नाग पंचमी के दिन लोगों के द्वारा नाग देवता को दूध पिलाने के लिए सिद्ध बाबा की पहाड़ी में भक्तों का तांता लगा रहता है।यही नहीं दानदाताओं वह धार्मिक कार्यकर्ताओं के द्वारा सिद्ध बाबा पहाड़ी में ग्यारह मुखी हनुमान जी के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है स्मरणीय हो की पूरे मध्यप्रदेश में कहीं भी ग्यारह मुखी हनुमान जी का मंदिर नहीं है अतएव इस मंदिर का निर्माण क्षेत्रीय जनों के सहयोग से हो रहा है एवं इस मनोरम स्थान व भगवान शिव हनुमान जी की दर्शन का लाभ ले सकते हैं।