भवसागर से पार होने का मात्र एक साधन है गोविंद की भक्ति
जैतपुर।(अबिरल गौतम) कुनुकेश्वरनाथ में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन की कथा में वृन्दावन धाम से पधारे कथा व्यास पूज्या रश्मी मिश्रा जी ने बताया कि इस कलिकाल में भवसागर से पार होने का एक मात्र साधन है गोविन्द की भक्ति ।कलियुग केवल नाम आधारा।सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा।। दूसरे दिन की कथा में प्रथम स्कंध की कथा, भगवान के चौबिस अवतार की कथा, एवं नारद संवाद चरित्र की कथा का वर्णन किया।आयोजन 20 फरवरी तक चलेगा।आयोजन कुनकेश्वर नाथ समिति जैतपुर ने सार्वजनिक रूप कराया है। जिसमें क्षेत्र के सभी भक्त पहुंच कर आनंद उठा रहे हैं।