क्या फिर टलेगी निर्भया के दोषियों की फांसी? कोर्ट में सुनवाई बाकी

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नई दिल्ली

निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में दोषियों की फांसी तीन मार्च को होगी या नहीं, इस पर मामला अटक गया है। दरअसल, दोषी फांसी के समय को टालने के लिए अलग-अलग पैंतरे अपना रहे हैं। किसी दोषी ने फांसी को आजीवन कारावास में बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर कर रखी है तो किसी ने नई दया याचिका दाखिल की। मालूम हो कि दिल्ली की अदालत से चारों दोषियों के खिलाफ तीन बार डेथ वारंट जारी हो चुका है। अदालत ने सबसे पहले सात जनवरी को डेथ वारंट जारी किया, जिसमें फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने 17 जनवरी और फिर 17 फरवरी को डेथ वारंट जारी किया था। तीसरी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था कि उनके पास अभी कानूनी विकल्प बाकी है और आर्टिकल 21 जीने का अधिकार देता है। निर्भया के किस दोषी की कौन सी याचिका कोर्ट में लंबित है और जिसपर सुनवाई होनी है, जानें यहां:

 

अक्षय ठाकुर

अक्षय ने नई चाल चलते हुए राष्ट्रपति के समक्ष फिर से दया याचिका दायर की है जबकि राष्ट्रपति अक्षय की इससे पहले दया याचिका खारिज कर चुके हैं। अक्षय के वकील एपी सिंह का कहना है कि राष्ट्रपति ने जो दया याचिका खारिज की थी वह अपूर्ण थी। इसलिए दोबारा हमने राष्ट्रपति से दया की याचिका की है। वहीं, अक्षय ने तीन मार्च को फांसी पर लटकाने के लिए जारी डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए पटियाला हाउस ट्रायल कोर्ट में अर्जी लगाई थी। 

 

पवन गुप्ता

दोषी पवन गुप्ता भी अन्य दोषियों की तरह फांसी को टालने के लिए तिकड़में अपना रहा है। दोषी पवन कुमार गुप्ता ने शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर की है। पवन के वकील ए पी सिंह ने बताया कि दोषी ने अपनी मौत की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का न्यायालय से अनुरोध किया है। वहीं, पवन के पास दया याचिका का भी विकल्प बचा हुआ है।

 

मुकेश

निर्भया मामले के दोषी मुकेश सिंह की बात करें तो उसके पास क्यूरेटिव याचिका का विकल्प खत्म हो चुका है। वहीं, दया याचिका भी लंबित नहीं है।

 

विनय शर्मा

विनय शर्मा के पास क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दोनों का विकल्प नहीं है। हालांकि, विनय भी फांसी से बचने के लिए तरह तरह के कदम उठाता रहा है। पिछले दिनों अदालत ने विनय कुमार शर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह मानसिक बीमारी से जूझ रहा है और उसे उपचार की जरूरत है। याचिका में कहा गया था कि उसके माथे पर गहरी चोट है, दाईं बांह टूटी हुई है और उसपर प्लास्टर है। वह मानसिक बीमारी और सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है।

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