J&K और लद्दाख के लोगों के लिए विकास योजनाओं पर ध्यान दे रही सरकार

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 जम्मू-कश्मीर  
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में रहने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। सरकार दोनों केंद्र शासित प्रदेशों की विकास योजनाओं पर खास ध्यान दे रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने योजनाओं को लेकर बैठक की। बैठक में शामिल होने वाले दो अधिकारियों ने बताया कि बैठक में फैसला लिया गया है कि योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए।

इस बैठक में गृह, अल्पसंख्यक, जनजातीय मामलों, ग्रामीण विकास, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक के दो मुख्य मुद्दे थे- जमीन पर चुनौतीपूर्ण स्थितियां और सभी को शामिल करने को लेकर आने वालीं वित्तीय परेशानियां। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में सामने आया है कि कैसे घाटी में 3जी नेटवर्क की सीमित उपलब्धता होने की वजह से नामांकन प्रक्रिया में दिक्कतें आती हैं।

नाम न छापने की शर्त पर दोनों अधिकारियों में से एक ने कहा, 'व्यक्तिगत योजनाओं के उचित कार्यान्वयन से लोगों का जीवन बेहतर हो सकता है।' व्यक्तिगत लाभांश देना एनडीए सरकार की योजनाओं का प्रमुख तत्व है। इसका जिक्र केंद्र सरकार लोकसभा चुनावों के दौरान करती भी रही है। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को शैक्षणिक वर्ष 2019-20 में प्री-मेट्रिक स्कॉलरशिप के लिए 517,000 नए प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन सिर्फ 8,294 मामलों में ही पैसे का वितरण किया गया है।

इसी तरह, 26 फरवरी तक ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए 62,932 घरों के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया, जिसमें केवल 36,780 मंजूर किए गए हैं और सिर्फ 122 को पूरा किया जा सका है।

बैठक में फैसला लिया गया कि उज्जवला कार्यक्रम के तहत गैस कनेक्शन, स्कॉलरशिप और गरीबों के लिए आवास जैसी योजनाएं पर्याप्त फंड के साथ 100 फीसदी लागू होनी चाहिए। अन्य अधिकारी ने बताया कि  यह एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार पहले भी योजनाओं को 100 फीसदी लागू होने के लक्ष्य रखती है।

बैठक में एक और जिस चुनौती पर चर्चा हुई वह डेटा को लेकर थी। जो डेटा केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा साझा किया गया है, वह गृह मंत्रालय के डेटा से मेल नहीं खाता है। इसके बाद में डेटा सामंजस्य के लिए एक ऑनलाइन तंत्र विकसित करने के लिए कहा गया है। पूर्व ग्रामीण विकास सचिव जुगल किशोर महापात्रा ने बताया कि जम्मू कश्मीर में कौशल विकास और रोजगार पर भी ध्यान देना चाहिए। आजीविका चलाने वाले कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत अच्छे रहेंगे।

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