भीमा-कोरेगांव: उद्धव ने पलटा गृहमंत्री का फैसला

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मुंबई
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के विरोध के बाद भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के निर्णय पलटने पर गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि मेरी भूमिका को मुख्यमंत्री को पलटने का अधिकार है।

देशमुख ने कहा कि भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की राज्य की पुलिस कर रही थी, परंतु अचानक ही केंद्र सरकार ने एनआईए से जांच कराने का निर्णय लिया। इस पर मैंने बतौर गृहमंत्री आपत्ति जताई थी। मेरा मानना है कि कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच एनआईए को सौंपने पहले राज्य सरकार को विश्वास में लेना चाहिए था, लेकिन केंद्र सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी। देशमुख ने कहा कि यह मामला पुणे की अदालत में चल रहा है जिस 14 फरवरी को फैसला आने वाला है।

मुंबई शाहीन बाग प्रदर्शन खत्म करने का आग्रह
दिल्ली की तर्ज पर सीएए और एनआरसी के खिलाफ मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन नागपाड़ा इलाके में जारी है। धरना प्रदर्शन करने वालों ने गुरुवार को गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात की। इस मुलाकात के बारे में देशमुख ने बताया कि 18 दिन से महिलाएं बिना अनुमति के धरने पर बैठी हैं। उन पर 149 के तहत मामला भी दर्ज किया है। उन सभी से पहले आंदोलन खत्म करने के लिए कहा गया है। उसके बाद ही 149 का दर्ज मामला वापस लेने पर विचार किया जा सकता है।

देशमुख ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं से आंदोलन खत्म करने का आग्रह किया गया है। गृहमंत्री देखमुख से मिलने से पहले प्रदर्शन करने वालों ने बांद्रा स्थित आवास मातोश्री जाकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।

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