स्वामी हरीश्वरानंद तीर्थ राम मंदिर निर्माण को दान करेंगे चांदी की ईंट

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प्रयागराज                                                                                                                                                                                  
स्वामी डूंग जी महाराज संस्था भूरा मठ अन्न क्षेत्र के प्रमुख 102 वर्षीय दंडी स्वामी हरीश्वरानंद तीर्थ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चांदी के ईंट का दान करने का संकल्प प्रयाग क्षेत्र में लिया है। चांदी के ईंट का दान मंदिर निर्माण के पहले ट्रस्ट के अध्यक्ष को करेंगे।

स्वामी हरीश्वरानंद तीर्थ ने कहा कि राम मंदिर का भव्य निर्माण हो और इसमें मैं कुछ दान कर सकूं यह मेरे लिए गर्व की बात है। संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी अरविंद स्वामी जोशी जी ने बताया कि चांदी के ईंट बनाने की जिम्मेदारी कन्हैया कला सेवा केंद्र को दे दी गई है। मेला संपन्न होने के बाद डिजाइन को फाइनल कर दान किया जाएगा। इसके अलावा संस्था की ओर से मंदिर निर्माण में आस्था के अनुरूप किया जाएगा।

'अब बस शुरू हो राम मंदिर निर्माण'
ट्रस्ट गठन की घोषणा के बाद अयोध्या विवाद के हिन्दू पक्षकारों, प्रमुख धर्माचार्यों और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े लोगों ने कहा कि अब मंदिर निर्माण में देरी नहीं होनी चाहिए। जल्द काम शुरू किया जाना चाहिए। रामजन्मभूमि विवाद के पक्षकार एवं निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने कहा कि ट्रस्ट की घोषणा हर दृष्टि से स्वागत योग्य है। उच्चतम न्यायालय ने विवाद का समाधान कर दिया है, इसलिए जितना जल्दी हो मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि पर भव्य व दिव्य मंदिर का निर्माण होने के साथ ही रामराज्य का मार्ग प्रशस्त होगा।

नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने भी ट्रस्ट का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज को ट्रस्ट का अध्यक्ष नामित किया जाना चाहिए। उन्होंने ट्रस्ट में वैष्णवों के तीनों अखाड़ों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को भी सदस्य बनाने की वकालत की। रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि केन्द्र सरकार का प्रयास सराहनीय है। अब शीघ्र ही ट्रस्ट के न्यासियों के नाम भी तय कर दिए जाने चाहिए जिससे कि शीघ्रता से मंदिर निर्माण की कार्यवाही शुरू हो सके। मंदिर निर्माण के लिए दान देने वाले दानदाताओं की कमी नहीं है।

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