निर्भया केस: जल्‍लाद को भेजा मेरठ, मक्‍खन लगी रस्सियां रखवा दीं लॉकर में

0

 
नई दिल्ली

कोर्ट के अगले आदेश तक निर्भया गैंगरेप के चारों कातिलों को फांसी पर नहीं लटकाया जा सकेगा। यह आदेश मिलते ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी देने की तैयारियों को रोक दिया। मेरठ से आए जल्लाद पवन को भी मेरठ जाने के लिए बोल दिया गया है। फांसी के फाइनल ट्रायल के बाद रस्सियों पर बटर लगाकर उन्हें सुरक्षित लॉकर में रखवा दिया गया।

जेल सूत्रों ने बताया कि 1 फरवरी के लिए विनय को छोड़कर बाकी तीन पवन, अक्षय और मुकेश को फांसी पर लटकाने की तमाम प्रक्रियाएं पूरी कर ली गईं थीं। गुरुवार को इन तीनों से इनकी अंतिम मुलाकात के बारे में भी पूछ लिया गया था। इसी वजह से अक्षय को छोड़कर बाकी दो के परिवारवालों ने शुक्रवार को इनसे मुलाकात भी की थी। शुक्रवार को अक्षय से मिलने का संभावित अंतिम दिन होने के बावजूद इसके परिवार से कोई मिलने नहीं आया। जेल सूत्रों का कहना है कि ऐसे मामले में जब एक की दया याचिका खारिज होने पर सभी की फांसी 14 दिन के लिए रुक गई थी तो ऐसा कोई सिस्टम बनाना चाहिए कि एक ही मामले के एक से अधिक दोषियों को भी अगर फांसी से बचने के लिए दया याचिका लगानी है तो वह भी सब एक साथ ही लगाएं।

शनिवार को मेरठ लौट जाएगा पवन
तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि शनिवार को एक से तीन कैदियों को फांसी देने की हरी झंडी मिल सकती है। लेकिन फांसी होल्ड करने के आदेश मिलते ही तमाम प्रक्रिया को अगले आदेशों तक रोक दिया गया है। जेल सूत्रों का कहना है कि जल्लाद पवन ने जेल अफसरों से कहा भी कि आखिर इन्हें फांसी पर कब लटकाया जाएगा? तिहाड़ से जल्लाद शनिवार को मेरठ चला जाएगा।

शुक्रवार को ठीक 6 बजे हुआ था रिहर्सल
जेल सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार यानी 31 जनवरी की सुबह ठीक 6 बजे फांसी देने के ट्रायल को ठीक उसी तरह से किया गया था। जिस तरह से 1 फरवरी यानी शनिवार की सुबह 6 बजे फांसी देने की अंतिम प्रक्रिया की जानी थी। इसके लिए फांसी देने वाले कैदियों की जगह जेल स्टाफ को साथ लेकर रिहर्सल किया गया था। डमी लटकाकर फांसी देने का रिहर्सल किया गया था। फांसी के रिहर्सल में कहीं भी ऐसा कुछ गड़बड़ी सामने नहीं आई थी। इससे पहले हुए ट्रायल में जो भी गलतियां सामने आईं थी। उन सभी को समय रहते सुधार लिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed