September 20, 2024

108 और 102 के कर्मचारियों ने बढ़ा हुआ वेतन नही मिलने का लगाया आरोप, कलेक्टर कोरिया को ज्ञापन देकर दी धरना प्रदर्शन की चेतावनी

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जोगी एक्सप्रेस 

नसरीन अशरफी 

कोरिया छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित आकस्मिक एम्बुलेंस सुविधा 108 और 102 के कर्मचारियो ने कलेक्टर कोरिया को एक ज्ञापन देकर जिले में शासन द्वारा बढ़ाए गये वेतन वृद्धि को कोरिया जिले में नही देने का आरोप लगाते हुए आगामी 10 अक्टूबर से धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है ।
अपने ज्ञापन में इन कर्मचारियो ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वरा अप्रैल 2017 से न्यूतम मजदूरी में व्रद्धि किया गया है जो कि कर्मचारी को नही दिया जा रहा  है  मासिक वेतन भी समय से नही दिया जाता है। इस विषय मे जी.वी.के. कम्पनी और 108/102 कर्मचारियों के बीच पिछले छः माह से सकारात्मक चर्चा होती रही है एवं कम्पनी द्वारा  न्यूनतम मजदूरी दर शासन के  निर्देशानुसार लागू  करने के लिए सकारात्मक आश्वाशन दिया गया ।
इस संबंध में आर प्रसन्ना तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक के  समक्ष जी. वी .के. कम्पनी के सी ई ओ ( मुख्य कार्यपालन अधिकारी) एच. आर.हेड ( मानव संसाधन प्रमुख ) एव कर्मचारियों के साथ बैठक के दौरान भी चर्चा की गई थी जिस पर स्वास्थ संचालक द्वारा कम्पनी को  समय पर वेतनमान दिए जाने के निर्देश दिए गए थे इसके बाद जी.वी. के कम्पनी के राष्ट्रीय मानव  संसाधन प्रमुख हैदराबाद ( nastional H. R. Head) की  उपस्थिति में छत्तीगढ़ जी.वी.के  कम्पनी  के मानव संसाधन( H. R) मुख्य कार्यपालन अधिकारी 120 /108   के कर्मचारियों के बीच दिनांक 12 सितंबर 2017  को  न्यूनतम मजदूरी  दर  के संबंध में  मौखिक  चर्चा हुई थी nastional H. R.Head के द्वारा अप्रैल 2017 से लागू छत्तीसगढ़ श्रम अधिनियम के अंतर्गत न्यूनतम मजदूरी दर लागू करने एवं 8 घंटे की डियूटी का अतिरिक्त भत्ता (ओ टी)30 सितंबर तक पूरा करने का आश्वासन दिया गया था इसके बावजूद भी कर्मचारियों को न तो समय पर मासिक वेतन दिया गया।
समस्त कर्मचारी अल्पवैतनिक है और समय पर वेतन नही मिलने पर काफी  दिक्कतों का सामना करना पड़ता है । मासिक वेतन विलंब के विषय मे  जी वी के कंपनी के द्वारा ये कहा जाता है कि  शासन द्वारा फंड नही  दिया  गया है   वेतन संबंधित फाइल  शासन द्वारा  निरीक्षण में है इस तरह कर्मचारियों को भ्रमित किया जा रहा है
16 अक्टूबर 2017  से कर्मचारी धरना  प्रदर्शन  कर   विरोध जताने के निर्णय लिया है !

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