MP के मंत्री का बयान, बोले- हनीट्रैप केस में शामिल सभी चेहरे होने चाहिए बेनकाब

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इंदौर
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप मामले (Honeytrap Case) में सीआईडी की चार्जशीट में खुलासे ने एक बार फिर बवाल मचा दिया है. राज्य के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह (Govind Singh) ने कहा इस मामले की जांच में कहीं न कहीं चूक हुई है. उन्होंने कहा कि हनीट्रैप में शामिल लोगों के नाम जनता के सामने उजागर होने चाहिए. बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोग जिनका जनता अनुशरण करती है और जो जनता के आइकन होते हैं यदि ऐसे लोग ही इस प्रकार का कृत्य करेंगे तो समाज में क्या संदेश जाएगा. इसलिए ऐसे लोगों को बेनकाब होना जरूरी है, फिर चाहे राजनेता हों या बड़े प्रशासनिक अधिकारी. इन सब पर कठोरता से कार्रवाई होनी चाहिए.

सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार भू-माफियाओं के बाद हाउसिंग सोसायटियों पर सख्त हो गई है और वे सीएम कमलनाथ के निर्देश पर इंदौर आए हैं. यहां पर सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक ली है. जबकि इस बैठक में अलीराजपुर के उप पंजीयक बीएस कोठारी नहीं पहु्ंचे तो इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना गया और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा मंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग के अधिकारियों की वजह से ही भू-माफिया पनपे हैं. अब इन भूमाफियाओं का साथ देने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इंदौर में भी 14 गृह निर्माण सोसायटियों में घोटाला मिला है. इन सोसायटी में भू-माफियाओं ने गड़बड़ी कर हकदार प्लाट धारकों के प्लाट किसी और को बेच दिए. इन हितग्राहियों को जल्द से जल्द उनके प्लाट दिलाए जाएंगे. अगले दो महीनों में करीब 4500 प्लाट धारकों को प्लाट वापस दिला दिए जाएंगे. सहकारिता मंत्री ने माना है कि पिछले 15 सालों के दौरान गृह निर्माण सोसायटियों में बड़ा घोटाला हुआ है, लेकिन अब कमलनाथ सरकार इन सबकी जांच कराएगी और दोषियों पर कार्रवाई करेगी.

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