JNUSU के पूर्व अध्यक्ष का आरोप, दिल्ली पुलिस ने नेत्रहीन छात्र को बूट से रौंदा

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नई दिल्ली 

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों का आज संसद मार्च दिन भर चले बवाल के बाद खत्म हो गया. हिरासत में लिए गए छात्रों को दिल्ली पुलिस ने रिहा कर दिया. वहीं, जेएनयू छात्रसंघ के सदस्यों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव से मुलाकात कर अपनी मांग रखी. आधिकारिक तौर पर जेएनयू छात्र संघ की मांगों को स्वीकार कर लिया गया है. छात्र संघ ने दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज को लेकर भी मंत्रालय को अवगत कराया और दिल्ली पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.

एन साई बालाजी का ट्वीट
दिन भर चले बवाल के बाद दिल्ली पुलिस ने बताया कि आज जेएनयू धरना प्रदर्शन में कम से कम 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल हो गए. इस बीच जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने एक छात्र की बेरहमी से पिटाई को लेकर ट्वीट किया. एन साई बालाजी ने बताया कि क्रांतिकारी गायक और जेएनयूएसयू के पार्षद शशिभूषण समद को बुरी तरह से पीटा गया है. वे नेत्रहीन हैं. वे एम्स ट्रॉमा सेंटर में एडमिट हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
 
वहीं, छात्रों को पीटे जाने पर AAP सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की. संजय सिंह ने लिखा-  युवाओं छात्रों से इतनी नफरत ये हैं…..

युवाओं छात्रों से इतनी नफ़रत ये हैं शशीभूषण पांडेय एक नेत्रहीन JNU का छात्र किस बर्बरता से दिल्ली पुलिस ने इनको पीटा है आप खुद देखिये।

प्रस्ताव के बाद बवाल थमा
बता दें कि छात्रों के संसद मार्च को शाम में सफदरगंज मकबरे के पास पुलिस ने रोक लिया था. हालांकि, फिर भी छात्र सड़क पर ही डटे रहे. इसके बाद पुलिस ने इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद करते हुए छात्रों को पीछे की ओर खदेड़ना शुरू किया. वहीं, दिल्ली के कई इलाकों में जाम लगा रहा. छात्रों और पुलिस की सड़कों पर भीड़ के चलते आवाजाही प्रभावित रहा. इस दरम्यान दिल्ली मेट्रो के 5 स्टेशनों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया.

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने छात्रों की HRD मंत्रालय से बात कराने का प्रस्ताव रखा. दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव को जेएनयू छात्रों ने मान ली. फीस विवाद को लेकर देर रात छात्र, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय पहुंचे.

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