सोनिया से मिलकर बोले पवार- किसी के साथ सरकार बनाने पर चर्चा नहीं

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  नई दिल्ली
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कहा जा रहा था कि शरद पवार की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कुछ रास्ता निकलेगा, लेकिन बात बनने की बजाय उलझती दिख रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 50 मिनट की मीटिंग के बाद पवार ने यह कहकर सस्पेंस और गहरा कर दिया कि हमारे बीच सरकार बनाने पर कोई ही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मैंने सोनिया गांधी को सिर्फ राज्य के हालात के बारे में ब्रीफिंग दी। उनके इस बयान से शिवसेना को झटका लग सकता है, जो लगातार एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार गठन की बात कर रही है।

शरद पवार ने मीडिया से बात करते हुए यहां तक कहा कि शिवसेना के साथ किसी तरह के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी बात नहीं हुई। यही नहीं उन्होंने शिवसेना को सरकार बनाने पर भरोसा देने की बात पर भी कुछ कहने से इनकार कर दिया। उनकी बात से साफ है कि आने वाले कुछ और दिनों तक महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर माथापच्ची का दौर जारी रह सकता है। यहां तक शिवसेना नेता संजय राउत की ओर से 170 विधायकों के समर्थन को लेकर भी उन्होंने कहा कि इस बारे में उनसे ही पूछें।

पवार बोले, कांग्रेस ही नहीं अन्य दलों से भी होगी बात
शरद पवार ने यह कहकर भी बढ़ा दिया कि हम इस मसले पर अन्य सहयोगी दलों से भी बात करेंगे। पवार ने कहा कि यह खबरें थीं कि कांग्रेस और एनसीपी ही मिलकर बात करते हैं। ऐसे में हमने स्वाभिमान पक्ष के राजू शेट्टी, समाजवादी पार्टी और अन्य दलों को भी भरोसे में लेंगे। उन्होंने कहा, सोनिया गांधी को प्रदेश की ब्रीफिंग देने का काम किया। इसके अलावा किसी मुद्दे पर हमने बात नहीं की। हालांकि हम इस परिस्थिति पर ध्यान रखेंगे और दोनों पार्टियों के कुछ सीनियर लोगों की राय लेने का प्रयास करेंगे। इसके बाद आगे की राय बनाएंगे।'

पीएम मोदी की तारीफ पर बोले, कोई संकेत नहीं
पीएम मोदी की ओर से संसद में एनसीपी की तारीफ किए जाने को लेकर भी पवार ने किसी समीकरण की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वहां पीएम मोदी ने सिर्फ राज्यसभा के इतिहास की बात की और उसके कामकाज को लेकर ही चर्चा थी। उन्होंने कहा कि हम कभी संसद में चर्चा के दौरान वेल में नहीं जाते, सिर्फ इसे लेकर ही उन्होंने तारीफ की थी।

मीटिंग से पहले ही बढ़ा दिया था सस्पेंस
गौरतलब है कि सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले ही शरद पवार ने एक टिप्पणी कर सस्पेंस बढ़ा दिया था कि एनसीपी और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़े थे। इसके अलावा बीजेपी और शिवसेना साथ में लड़े थे, जिन्हें जनादेश मिला है। ऐसे में बीजेपी और शिवसेना से ही पूछा जाना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं। हम अपनी राजनीति करेंगे।

आठवले ने पेश किया बीजेपी-शिवसेना में सहमति का फॉर्म्युला
इस बीच बीजेपी के साथ एनडीए का हिस्सा रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामदास आठवले ने शिवसेना के साथ सहमति का फॉर्म्युला पेश किया है। आठवले ने कहा कि मैंने संजय राउत से बात की और 3 साल बीजेपी और 2 साल शिवसेना के सीएम का फॉर्म्युला पेश किया। आठवले ने कहा कि संजय राउत ने कहा कि यदि बीजेपी इस पर राजी होती है तो हम सोचेंगे। मैं अब बीजेपी से बात करूंगा। बता दें कि इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि बीजेपी और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएंगे।

जमीयत ने सोनिया को लिखा पत्र
इस बीच खबर है कि मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर शिवसेना को समर्थन न देने की बात कही है। गौरतलब है कि शिवसेना लंबे समय से हिंदुत्व की राजनीति करती रही है, जबकि कांग्रेस खुद को सेक्युलर पार्टी बताती रही है।

12 नवंबर से राज्य में है राष्ट्रपति शासन
24 अक्टूबर को राज्य के चुनावी नतीजे आने के बाद से सरकार गठन पर सहमति न बनने के चलते सूबे में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।

 

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