35 पार तो समझो जिलाध्यक्ष दौड़ से बाहर

0

भोपाल

झाबुआ उपचुनाव में मिले झटके के बाद भाजपा सर्तक हो चली है और फूंक फूंक कर कदम रख रही है।अब मध्य प्रदेश में संगठन को मजबूत करने भाजपा ने फिर उम्र का फॉर्मूला लागू कर दिया है।भाजपा द्वारा जिला अध्यक्ष के लिए 50 साल उम्र निर्धारित कर दी गई है। भाजपा के इस फैसले के बाद दर्जनों जिलाध्यक्ष बाहर हो जाएंगें।माना जा रहा है कि मंडल में युवाओं को शामिल करने यह फैसला लिया गया है। इससे पहले पहले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में 75 पार की उम्र सीमा का फार्मूला लगाकर वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया गया था।

दरअसल, मप्र में हाल ही में हुए एक के बाद एक सियासी घटनाक्रम ने भाजपा को हिलाकर रख दिया है।15 साल सत्ता में राज करने वाली भाजपा को अब संगठन के बिखरने और कमज़ोर होने की चिंंता सताने लगी है, ऐसे में  पार्टी ने नए सिरे से संगठन को मजबूत करने के लिए यह उम्र का फॉर्मूला लागू किया है।वही पार्टी ने दो टूक कहा है कि उसे ही जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा, जो संगठन में सक्रिय है। पार्टी की रीति-नीति को जानता है। वही जो पार्टी के कार्यक्रम, आंदोलन को अंजाम तक पहुंचा सकें।

नए फॉर्मूले से 35  जिलाध्यक्ष बाहर

इसके अलावा जिलाध्यक्षों की भूमिका आगामी नगर निगम चुनाव से लेकर पंचायत और मंडी चुनाव में भी अहम होगी। इन्हीं की सिफारिश पर पार्टी स्थानीय चुनाव की टिकट तय करेगी। इस नए फॉर्मूले के तहत भाजपा के 56 संगठनात्मक जिलों में से 35 जिलों के अध्यक्ष दौड़ से बाहर हो जाएंगे। मौजूदा अध्यक्षों में से ज्यादातर की उम्र सीमा से अधिक यानी 50 साल पार हो चुकी है।इनकी जगह अब  90 फीसदी नए चेहरों को मंडल में शामिल किया जाएगा।

इसलिए युवाओं पर फोकस

दरअसल, पार्टी की योजना है कि युवाओं को संगठन की कमान सौंपी जाए। इस तरह युवाओं को पार्टी से जोड़ने में मदद मिलेगी। यही नहीं पार्टी के थिंक टैंक मानते हैं कि मोदी को जब पार्टी ने पीएम उम्मीदवार घोषित किया था तब उनका समर्थन करने वालों में सबसे अधिक युवा वर्ग के लोग थे।  ऐसे युवा जिनकी उम्र 2012-13 में 20 से 28 साल के बीच थी। ये युवा उस दौरान मोदी को देखकर भाजपा से जुड़े थे। इन युवाओं की उम्र अब 35 साल के आसपास है। पार्टी चाहती है कि ऐसे युवाओं को अब आगे बढ़ाया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *