जांच में खुलासा, एयरस्ट्राइक के अगले दिन इस भ्रम में IAF ने दागी थी अपने ही Mi-17 पर मिसाइल

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 नई दिल्ली 
पाकिस्तान में घुसकर एयरस्ट्राइक करने के अगले दिन वायुसेना ने गलती से अपने ही एक हेलीकॉप्टर को मार गिराया था। जांच में खुलासा हुआ है कि यह गफलत हेलीकॉप्टर को पाकिस्तान का मानव रहित विमान (यूएवी) समझने की वजह से हुई। दरअसल, एक दिन पूर्व ही वायुसेना ने कच्छ में पाक के यूएवी को मार गिराया था और अगले ही दिन राडार पर अंजान वायुयान की सूचना मिलने से यह गलती हुई। वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक कर आतंकियों के अड्डे नष्ट किए थे। इसके कुछ घंटों के बाद ही पाक वायुसेना का एक यूएवी कच्छ से भारतीय सीमा में घुसा। जिसे वायुसेना ने चंद मिनटों में मार गिराया। 

एयर स्ट्राइक के बाद से ही एयर डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा गया था। 27 फरवरी को पाकिस्तान के करीब दो दर्जन लड़ाकू विमान नियंत्रण रेखा और अंतराष्ट्रीय सीमा के आसपास दिखे। कुछ ने भारतीय सीमा में घुसकर रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की। करीब दस बजे के आसपास जब भारत और पाकिस्तानी लड़ाकू विमान आपस में जूझ रहे थे तभी श्रीनगर से उड़ान भरने वाले एमआई-17 हेलीकॉप्टर को दस मिनट में ही वायुसेना ने जमीन से हवा में मार करने वाली स्पाइडर मिसाइल दागकर मार गिराया। 

सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भ्रम हेलीकॉप्टर को पाक यूएवी समझने के कारण हुआ। इसके पीछे कई कारण थे। मित्र एवं शत्रु वायुयान की पहचान करने वाली प्रणाली हेलीकॉप्टर में या तो बंद था या काम नहीं कर रहा था जिस कारण राडार पर इसे पहचाना नहीं जा सका। जाचं रिपोर्ट के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने करीब दस बजे सामान्य अभियान के तहत उड़ान भरी थी लेकिन इसे थोड़ी ही देर में वापस बुला लिया गया। जब यह वापस एयरबेस की तरफ लौट रहा था तब इस पर मिसाइल दागी गई।  

तालमेल की कमी

एयर डिफेंस सिस्टम और एटीसी के बीच तालमेल की कमी थी। 
एटीसी से सूचनाएं एयर डिफेंस के पास नहीं पहुंच रही थीं। 
इसलिए इनके बीच समन्यय का सुधारा जा रहा है।
चूक और सबक

सभी प्रकार के वायुयानों में ट्रांसपोंडर बेस्ड आईडेंटिफिकेशन सिस्टम होता है। 
इसे ऑन रखना होता है लेकिन इस मामले में या तो बंद था या खराब था। 
इसे वायुसेना बड़ी चूक के रूप में देख रही है।  
यूएवी की पहचान वाले उपकरण नहीं

यूएवी की सटीक पहचान करने वाले उपकरणों की कमी है। 
कम ऊंचाई पर उड़ते हैं इसलिए इनमें से कई तो राडार की पकड़ में ही नहीं आता
हेलीकॉप्टर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था इसलिए उसे प्रथम दृष्टया यूएवी समझा गया
वायुसेना इन कमियों को दूर करने के उपाय कर रही है
एमआई-17 के शहीदों को बहादुरी पुरस्कार 
वायुसेना ने अपनी ही गलती से मारे गए कार्मिकों के लिए बहादुरी पुरस्कारों की सिफारिश की है। विगत 27 फरवरी को कश्मीर में वायुसेना ने गलती से अपने एमआई-17 हेलीकॉप्टर को मार गिराया था। इसमें दो पायलट और चालक दल के चार सदस्यों की मौत हो गई थी। वायुसेना सूत्रों ने कहा कि दोनों पायलटों को बहादुरी के लिए वायुसेना मेडल देने की सिफारिश की गई है। जबकि चालक दल के चार सदस्यों को मेंसन इन डिस्पेच की सिफारिश की गई है। हाल में वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा था कि यह वायुसेना की बहुत बड़ी गलती थी। उन्होंने यह भी कहा था कि मारे गए  सभी कार्मिकों को युद्ध संबंधी लाभ दिए जाएंगे। समझा जाता है कि उसके बाद ही वायुसेना ने यह कदम उठाया है। 26 फरवरी को वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी को पाकिस्तान के लड़ाकू विमान कश्मीर में घुसे थे। इसी दौरान गफलत में वायुसेना ने अपने ही एक हेलीकॉप्टर को मार गिराया था।  

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