बांग्ला विधान से हुई इस पंडाल में मां दुर्गा की पूजा, सिंदूर खेला के बाद दी गई विदाई

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नवादा
विजयादशमी (Vijaya Dashmi) का दिन मां दुर्गा (Maa Durga) की विदाई का दिन होता है. मां की विदाई को उनके भक्त अपने-अपने तरीके से देते हैं. नवादा (Nawada) में मां की विदाई के मौके पर सिंदूर खेला का नजारा देखने को मिला. नगर के रेलवे कॉलोनी स्थित दुर्गा पूजा (Durga Puja) समिति द्वार बांग्ला रीति-रिवाज के साथ नवरात्र (Navratra) का पर्व मनाया जाता है. आज के ही दिन यहां पिछले कई सालों से महिलाएं सिन्दूर खेला भी खेलती हैं.

मंगलवार को भी यहां कुछ ऐसा ही देखने को मिला. महिलाओं ने पूरी विधि विधान के साथ मां की पूजा अर्चना की. इस दौरान महिलाओं ने थाल में सिंदूर, पान और मिठाई से उनकी पूजा की. मान्यता है कि शुभ कार्य करने के लिए पान और मीठे के भोग से मां को विदाई दी जाती है. पूजा के बाद महिलाओ ने माँ को नम आंखों से विदाई दी है और अगले वर्ष जल्द से जल्द आने का न्योता दिया.

मान्यता ऐसी है कि आज के ही दिन मां अपने मायके से ससुराल जाती हैं और मां को मुंह मीठा कर विदाई दी जाती है. नवादा में लगभग 50 सालों से यह परंपरा पूरे जिले में केवल इसी पंडाल में होती आ रही है. रेलवे कॉलोनी की महिलाओं ने इस दौरान मां को विदा करने के बाद सिन्दूरखेला खेला. मालूम हो कि मंगलवार को नौ दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्र का समापन हो रहा है. मंगलवार का दिन होने के कारण जहां कुछ जगहों पर मां की प्रतिमा नहीं विसर्जित की जा रही है वहीं बिहार के लगभग हर जिले में रावण वध का आयोजन किया गया है.

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