“सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता अगर हमें सफलता पानी है तो हमें कठिन परिश्रम करना होगा और कठिन परिश्रम के साथ साथ स्मार्ट वर्क करना होगा तभी हम अपना गोल अपना ऑब्जेक्ट हासिल कर सकते हैं: वसीम

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उमरिया।:जिले की प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल आईपीएस इंटरनेशनल स्कूल में दिनांक 5 सितंबर में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों द्वारा टीचर से केक कटवाया गया जिसमें बच्चों द्वारा डांस, नाटक, चित्रकला, स्पीच, कविता और संगीत का कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम के संचालक आईपीएस के विद्यार्थी नियुक्ति धुर्वे और अनुप्रिया कौरव द्वारा किया गया जिसमें बच्चों द्वारा बताया गया आज का दिन शिक्षकों के अलावा हम विद्यार्थियों के लिए भी बहुत खास है, क्योंकि आज हम इस मंच से अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति अपने विचार प्रकट कर सकते हैं और उन्हें यह बता सकते हैं कि वे हमारी जिंदगी में क्या मायने रखते हैं? वैसे तो हर समय ही हम विद्यार्थी अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञ रहते हैं, लेकिन समाज और हमारे व्यक्तित्व निर्माण में उनके अहम योगदान के लिए आज के दिन विशेषतौर पर हम अपने शिक्षकों को ध्न्यवाद करना चाहते हैं। तत्पश्चात आईपीएस प्रिंसिपल आरजू खान द्वारा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और मां सरस्वती के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर प्रोग्राम प्रारंभ किया गया। प्रिंसिपल ने अपने उद्धबोधन में कहा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। देश के पहले उप-राष्‍ट्रपति डॉ राधाकृष्‍णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। राधाकृष्णन का निधन चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को हुआ। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का कहना था कि शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह हैजो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे।यही नहीं वो ये भी कहते थे कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अतः विश्व को एक ही ईकाई मानकर शिक्षा का प्रबंध किया जाना चाहिए।

आईपीएस के मैनेजिंग डायरेक्टर इंजीनियर वसीम अकरम ने अपने उद्बोधन में कहा-
“सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता अगर हमें सफलता पानी है तो हमें कठिन परिश्रम करना होगा और कठिन परिश्रम के साथ साथ स्मार्ट वर्क करना होगा तभी हम अपना गोल अपना ऑब्जेक्ट हासिल कर सकते हैं और यकीनन हमें सक्सेस प्राप्त होगी।”
इसके साथ बच्चों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई जिससे वहां उपस्थित शिक्षक गण अभिभावक गण द्वारा विद्यार्थियों ने खूब तालियां बटोरी|
कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकगणों को आईपीएस प्रिंसिपल द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में सम्मानित किया गया।

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