मिशन शक्ति पर PM मोदी का ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ जांच के घेरे में, EC ने बनाई समिति

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नई दिल्ली : चुनाव आयोग इस बात की जांच करेगा कि उपग्रह भेदी मिसाइल के सफल इस्तेमाल की जानकारी देश को देने के लिये बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में है या नहीं। आयोग की ओर से देर शाम जारी बयान के अनुसार, इस मामले में एक समिति का गठन किया गया है।

आयोग ने वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि का राजनीतिक इस्तेमाल कर चुनावी लाभ लेने के लिये प्रधानमंत्री द्वारा देश को संबोधित करने की विभिन्न दलों की शिकायत मिलने के बाद इसकी जांच के लिये समिति का गठन किया है। आयोग ने कहा, ”प्रधानमंत्री द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से देश को संबोधित करने का मामला आयोग के संज्ञान में लाया गया है। आयोग ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बीच अधिकारियों की समिति गठित कर तत्काल इस तामले की जांच करने का निर्देश दिया।”

उल्लेखनीय है कि माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह के अभियान की देश-दुनिया को जानकारी सामान्य रूप से संबद्ध वैज्ञानिक संस्था द्वारा दी जाती है। इसके बजाय प्रधानमंत्री ने इसके लिए देश को संबोधित करने का रास्ता अपनाया। येचुरी ने प्रधानमंत्री द्वारा इस उपलब्धि को सार्वजनिक किये जाने पर सवाल उठाते हुये कहा कि चुनाव के दौरान जबकि प्रधानमंत्री स्वयं उम्मीदवार हैं, इस तरह की घोषणा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने आयोग से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री द्वारा देश को संबोधित करने की आयोग को पूर्व जानकारी दी थी।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को घोषणा की कि भारत ने अंतरिक्ष में एंटी सैटेलाइट मिसाइल से एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराते हुए आज अपना नाम अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर दर्ज करा दिया और भारत ऐसी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। इस परीक्षण के बाद भारत दुश्मन के उपग्रहों को मार गिराने की रणनीतिक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के पास यह क्षमता थी।

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