समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस: असीमानंद समेत सभी चार आरोपी बरी

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पंचकूला : हरियाणा के पंचकूला स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट ने 2007 के समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में असीमानंद, कमल चौहान, राजिंदर चौधरी और लोकेश शर्मा को बरी किया गया है। आपको बता दें कि 12 साल पहले हुए इस ट्रेन धमाके में 68 यात्रियों की मौत हो गई थी। बुधवार को पंचकूला कोर्ट का फैसला आने के बाद अदालत परिसर से असीमानंद की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें वह हाथ जोड़े हुए लोगों का अभिवादन करते दिखाई देते हैं।

अदालत ने पाकिस्तानी महिला की याचिका को सुनवाई के योग्य न बताते हुए बुधवार को खारिज कर दिया। याचिका में महिला ने अपने देश के प्रत्यक्षदर्शियों से सवाल-जवाब करने की अपील की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तरफ से पेश हुए वकील राजन मल्होत्रा ने बताया कि अदालत ने पाकिस्तानी महिला का आवेदन खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि यह विचार योग्य नहीं है।

एनआईए के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह ने महिला एवं एनआईए के वकील की दलीलें सुनने के बाद महिला की याचिका पर फैसला 20 मार्च के लिए सुरक्षित रख लिया था। पाकिस्तान के हफीजाबाद जिले के धींगरावली गांव निवासी एवं विस्फोट का शिकार बने मोहम्मद वकील की बेटी राहिला वकील ने 11 मार्च को अदालत का रुख किया था और अपने देश के चश्मदीदों की गवाही दर्ज किए जाने की मांग की थी।

बतादें 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत में दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में धमाका हुआ था। चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक यह ब्लास्ट हुआ था। विस्फोट में 67 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक घायल की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई थी। 23 लोगों के शवों की शिनाख्त नहीं हुई थी। सभी शवों को पानीपत के गांव महराना के कब्रिस्तान में दफना दिया गया था।

19 फरवरी 2007 को दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, रात 11.53 बजे दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन में ब्लास्ट हुआ। धमाके के चलते ट्रेन की दो सामान्य बोगियों में आग लग गई थी। पुलिस ने विस्फोट स्थल से दो सूटकेस बम बरामद किए थे।

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