साफ-सफाई में 1 नम्बर कसडोल बस स्टैंड का सुलभ शौचालय

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सार्वजनिक शौचालय मेरा घर: संतोष
(भानु प्रताप साहू)
कसडोल । स्वच्छ्ता के प्रति गंभीर नगर पंचायत कसडोल ने नगर के सार्वजनिक शौचालयो में विभिन्न सुविधा मुहैया कराई है । जैसे बच्चों एवं बुजुर्गो के लिये शौचालय के बाहर रैलीग की व्यवस्था, विकलांग एवं बुढो के लिये कमोड की व्यवस्था , बच्चे के छोटा वास बेसिग की व्यवस्था, शौचालय के अगल बगल कंक्रीट रोड़ की व्यवस्था, स्वच्छ्ता के संबंध में प्रचार प्रसार हेतु फ्लेक्स, बैनर, पोस्टर एवं स्टिकर लगाय गए है । ये सभी व्यवस्था देखकर लगता है कि नगर की सुलभ शौचालय की स्थिति अन्य जगहों से बेहतर है।
*नैपकिन की विशेष व्यवस्था*
सार्वजनिक शौचालय में नित्य प्रतिदिन सुबह और शाम कैमिकल का छिड़काव कर सभी ओर ब्रस मारकर  साफ-सफाई की जाती है l 24 घंटे पानी की सुविधा उपलब्ध है। यहाँ हैंड वाश से लेकर, हेंड ड्राई, सेनेटरी नेपकिन महज 5 रुपये में उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही साथ सेनेटरी नेपकीन को शौचालय में लगे इंसिनेटर द्वारा भस्म किया जाता है। शौचालय के बाहर बड़ी पार्किग की व्यवस्था के साथ अन्य व्यवस्था उपलब्ध है।
*पर्यटन विभाग ने बनाया लेकिन जिम्मा नगर पंचायत का*
ज्ञात हो कि बस स्टैंड कसडोल स्थित सार्वजनिक शौचालय का निर्माण सत्र 2011-12 में (पर्यटन विभाग) सुलभ इंटरनेशनल कंपनी द्वारा निर्मित की गई थी लेकिन कुछ वर्षों बाद पर्यटन विभाग द्वारा ध्यान नही देने के कारण शौचालय बंद होने की कगार में पहुँच गया था तब से दोनों सुलभ शौचालय का संचालन एवं देख रेख नगर पंचायत कसडोल द्वारा निरंतर की जा रही है। वर्तमान में पर्यटन  विभाग द्वारा निर्मित 2 सुलभ शैचालय है। जिसमे पहला गायत्री चौक एवं दूसरा बस स्टैंड में स्थित है। जिसकी सम्पूर्ण देख रेख नगर पंचायत कसडोल द्वारा की जाती है ।
*स्वछता का दिया संदेश*
नगर पंचायत कसडोल के मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं स्वच्छ्ता निरीक्षक विष्णु प्रसाद एवं उनकी पूरी टीम द्वारा स्वछता का संदेश नगर के गली मोहल्ले एवं तालाब आदि जगहों में खुले में सोच करने वाले को सिटी बजाकर सुलभ शौचालय बनाने एवं खुले में सोच नही करने का संदेश दिया। साथ ही साथ अपने आस-पास साफ- सफाई के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है।
*दिव्यांग ने उठाया स्वच्छ्ता का जिम्मा*
उल्लेखनीय है कि नगर की बस स्टैंड में स्थित वार्ड क्रमांक 03 के दिव्यांग संतोष कुमार यादव जो पूरी तरह समर्थ न होते हुए भी सार्वजनिक सुलभ शौचालय को प्रातः 6 बजे उठकर गेट खोलते ही अगल बगल ,अंदर बाहर सभी तरफ की साफ सफाई कर अगरबत्ती लगाकर गेट में पेपर पड़ते बैठे रहते है जैसे की अपना ही घर है साथ ही साथ आस-पास खुले में शौच करने वालों को सिटी  बजा कर खुले में शौच नही करने की सलाह भी देते है जिसके कारण कोई भी बाहरी वातावरण को गंदा न करें। वही इनके द्वारा शौचालय परिसर पर स्लीपर रखा गया है जिसमे कोई भी व्यक्तियों की गंदगी परिसर में प्रवेश न हो इसके साथ ही सभी को चप्पल जूता बाहर रखने की सलाह दी जाती है जिससे परिसर स्वछ हो और शौच के लिए परिसर में रखें स्लीपर का उपयोग करें। जिससे परिसर स्वछ और सुंदर बना रहे। इस कारण संतोष की पूरे नगर में तारीफ हो रही है।
*इनका कहना है।*
हमारे द्वारा सार्वजनिक शौचालय को सुदृण एवं स्वछ बनाने के लिये निरंतर प्रयास किया जा रहा है जिसका उदाहरण बस स्टैंड का शौचालय है वही महिलाओं की सुविधा को देखते हुये इंसिनिरेटर लगवाया गया है जिससे महिलाओं को सुविधा उपलब्ध हो सके साथ ही साथ शौचालय का नियमित सफाई दुरुस्त किया जा रहा है।
*सतीश यादव*
*सीएमओ, नपा कसडोल*

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