भूत प्रेत हाथी शेर की जगह पाप से डराए बच्चो को ,तभी होगी बच्चो में सही निर्णय लेने की छमता : राकेश सोनी

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”सूर्य नमस्कार मन्त्र 108 बार महज २८ सेकेण्ड से भी कम समय में कर लेते है पूरा ‘ राकेश ,

 

बच्चो को बचपन से ही पाप से डराए, न की शेर भालू से ,पाप से डरने वाले कभी गलत रास्तो पर नहीं जा सकते 

जोगी एक्सप्रेस 

शहडोल म.प्र. धनपुरी ,शांत और स्व्च्छता  के माहौल से परिपूर्ण  वातावरण में किये गए कार्यो से ही इन्सान स्वस्थ और मजबूत बन सकता है ये गुरु  मन्त्र दे रहे नगर के सराफा व्यापारी राकेश सोनी जिन्हें सूर्य मन्त्र का जाप करते हुए    २० वर्ष गुजर गए धुप हवा पानी ने कभी भी उनके इस मन्त्र जाप पर बाधा  खड़ीन कर सके !   महज 28 सेकेण्ड से भी कम समय में वह इस मन्त्र का जाप बिना किसी रुकावट के पूर्ण कर लेते है !जब इस बावत जोगी एक्सप्रेस ने सवाल किया तो  बड़े ही शांत और प्र्सान्न मुद्रा में उन्हों ने हर एक सवाल का जवाब दिया 

प्रशन :नगर में दिनों दिन बढ़ रही नशे की चाह में युवा क्यू हो रहे गुमराह क्या आप इस के लिए कोई समधान करेंगे ,या कोई मुहीम चलाएंगे

उत्तर ,शराब दूकान या नशे की कोई भी सामग्री को बंद करना कोई विकल्प नहीं है ,इस के लिए युवाओ को जाग्रत करने की आवश्यकता है ,नशे से नुक्सान के बारे में बताने की आवश्यकता है  भटके हुए युवाओ का मार्ग बंद नहीं करना है उन्हें रास्ता देना है सम्मान देना ताकि वो ये सब त्याग कर मुख्य धारा से जुड़े ये हमारा मकसद है !

 

सवाल :युवाओ  को जागरूक करने के लिए आप क्या करना चाहते है: 

जवाब : कमियाँ अवस्य ही हम में है हमारे संस्कारो में है ,यदि हम जब बच्चे छोटे होते तब से भूत प्रेत हाथी शेर से डराने की जगह उन्हें पाप से डराए पापो के परिणाम से डराए ,गुड और अवगुण में अंतर बताये तो  बड़े हो कर  उन्हें अच्छाई और बुराई में फर्क खुद बा खुद नज़र आयेगी और वो कभी भी बुरे मार्गो पर नहीं जायेंगे 

सवाल :आप नगर  के सब से कद्दावर उमीदवार है आप के मन में नगर के विकास को लेकर क्या प्लानिग है ,

जवाब :हँसते हुए ये सवाल आपने अच्छा पूंछा,और इस जवाब को देने में मुझे प्रस्स्नता भी हो रही है ईट और सीमेंट का विकास तो हो चुका ,अब बारी है बौद्धिक विकास की जब हम बुद्धजीवी होंगे तभी तो विकास होगा ,माननीय प्रधानमत्री जी भी तो यही कहते है सब का साथ  सब का विकास ,यह तभी संभव है जब हम बौद्धिक रूप से मजबूत होंगे !

सवाल :यदि आप  को नगर के प्रतिनधित्व की कमान मिलती है तो आप केसे कार्य करेंगे 

जवाब : अध्यक्ष और पार्षदके आलवा भी २४ वार्डो के सम्मानित बुजर्गो की भी एक कमेटी होगी जो अपने अपने वार्ड की हर समस्याओ का अवलोकन कर नगर मे आये पैसो के पाई पाई का हिसाब रखेंगे जो उन सभी के पास होगा  और मै सबसे पहले युवाओ को रोजगार दिलाने के लिए प्र्यस्रत रहूँगा ,नई भर्तियो के द्वार खुलेंगे ,वार्डो में सफाई कर्मियों की भी बड़ी कमी है उनकी भी नियुक्तिया मेरा पहला उद्देश्य होगा ,जीवन के लिए पानी आवश्यक है ,आज़ादी के इतने सालो बाद भी हम स्व्च्छ पानी नहीं प् सके ,इस से बड़ी दुर्भग्य की बात क्या होगी ,और ईस्वर का दिया हुआ सब कुछ है नगर की सेवा ही मेरी सच्ची साधना होगी ,

सवाल :हर वर्ग के प्रति आप के लिए सम्मान है इस का कारण

जवाब : दुनिया में क्या ले कर आये थे जो लेकर जायेंगे  सब यही धरा रह जायेगा ,ये बात बचपन में सुनी और बस मानवत और मानव सेवा नगर सेवा समज सेवा के प्रति अपने आप को समर्पित करना ही जीवन का उद्देश्य है

सवाल : क्या सूर्य नमस्कार के बारे में आप जनता को बताना चाहेंगे 

जवाब : ये कोई पूछने की बात तो है नहीं ज्ञान से ही अंधकार मिटाता है ,चाहे मन का अंधकार हो या समाज का ,सूर्य देवता आज सभी के लिए प्रकाश मान है और ये सत्य है, विज्ञान इसकी पुष्टि आज कर रहा,जबकि हजारो साल पहले हमारे ऋषि मुनियोने ने दुनिया को ये  बता बताईआज निरंतर ३० सालो से मै बिना कोई नागा किये बाबा धाम जा रहा, परिवार और नगर की सुख शांति के लिए ,अगर नगर स्वस्थ और मजबूत होगा तो हम स्वयं ही मजबूत हो जायेंगे ,इस लिए नगर के बारे में सोचना चिंतन करना हर नागरिक का कर्तव्य है ,वही मे भी कर रहा !

 

सूर्य देव से नजदीक और कौन है सूर्य नमस्कार   के अभ्यास से शरीर (विभिन्न आसनो से), मन (मणिपुर चक्र से) और आत्मा ( मंत्रोच्चार से) सबल होते हैं| पृथ्वी पर सूर्य के बिना जीवन संभव नही है| सूर्य नमस्कार, सूर्य के प्रति सम्मान व आभार प्रकट करने की एक प्राचीन विधि है, जो कि पृथ्वी पर जीवन के सभी रूपों का स्रोत है !नमस्कार करने की विधि ही जानना पर्याप्त नहीं है, इस प्राचीन विधि के पीछे का विज्ञान समझना भी आवश्यक है| इस पवित्र व शक्तिशाली योगिक विधि की अच्छी समझ, इस विधि के प्रति उचित सोच व धारणा प्रदान करती है| ये है सूर्य नमस्कार की सलाहे के अभ्यास को बेहतर बनाती है और सुखकर परिणाम देती है|भारत के प्राचीन ऋषियों के द्वारा) ऐसा कहा जाता है कि शरीर के विभिन्न अंग विभिन्न देवताओं (दिव्य संवेदनाए या दिव्य प्रकाश) के द्वारा संचालित होते है| मणिपुर चक्र (नाभि के पीछे स्थित जो मानव शरीर का केंद्र भी है) सूर्य से संबंधित है| सूर्य नमस्कार के लगातार होता है| जिससे व्यक्ति की रचनात्मकता और अन्तर्ज्ञान बढ़ते हैं| यही कारण था कि प्राचीन ऋषियों ने सूर्य नमस्कार के अभ्यास के लिए इतना बल दिया|मणिपुर चक्र में ही हमारे भाव एकत्रित होते है और यही वो स्थान है जहाँ से अंतःप्रज्ञा विकसित होती है| सामान्यतया मणिपुर चक्र का आकार आँवले के बराबर होता है, लेकिन जोयोग ध्यान के अब्भ्यासी है उनका मणिपुर चक्र 3 से 4 गुना बड़ा हो जाता है| जितना बड़ा मणिपुर चक्र उतनी ही अच्छी मानसिक स्थिरता और अन्तर्ज्ञान हो जाते हैंसूर्य नमस्कार सभी योगासनों में से सर्वश्रेष्‍ठ माना गया है। आप चाहे कोई व्‍ययाम करें या न करें, पर अगर आप दिन में एक बार भी सूर्य नमस्‍कार कर लेते हैं, तो समझिये आपके सारे रोग एक-एक कर के खतम हो जाएंगे। यह अकेला अभ्यास ही इंसाना को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है।सूर्य नमस्‍कार करने के अनगिनत फायदे हैं। सूर्य नमस्‍कार करने से मोटापा दूर होता है, मन की एकाग्रता बढ़ती है, शरीर में लचीलापन आता है, पेट ठीक रहता है, सुंदरता में निखार आता है तथा शरीर की खराब मुद्रा भी ठीक हो जाती है। सूर्य नमस्‍कार करते वक्‍त 12 आसन किये जाते हैं, जिससे शरीर के हर अंग पर असर पड़ता है। सूर्य नमस्‍कार को सुबह के समय सूरज की ओर मुख कर के ही करना चाहिये क्‍योंकि सूरज हमें ऊर्जा प्रदान करता है।

सूर्य नमस्कार के  १२ असन

1,सूर्य नमस्‍कार करने से शरीर में अकड़न कम हो जाती है और शरीर में लचक पैदा होने लगती है। यह एक बहुत ही अच्‍छा व्‍यायाम है।
२,वजन का कम होना :सूर्य नमस्‍कार करने से शरीर के हर भाग पर जोर पड़ता है, जिससे वहां की चर्बी धीरे धीरे गलने लगती है। अगर आप मोटे हैं तो सूर्य नमस्‍कार रोज करें।
3,शारीरिक मुदा में सुधार: कई लोग झुक कर चलते व बैठते हैं, जिससे उनके शरीर की पूरी बनावट खराब दिखती है। लेनिक सूर्य नमस्‍कार करने से अंदर से शारीरिक सुधार होने लगता है। इससे शरीर का सारा दर्द भी खतम हो जाता है।
4,पाचन तंत्र में सुधार :सूर्य नमस्‍कार करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है। इससे खाना पचाने वाला रस ज्‍यादा मात्रा में निकलता है और पेट में छुपी गैस बाहर निकल जाती है, जिससे पेट हमेशा हल्‍का बना रहता है।
5,हड्डिय बनतीइ मजबूत :सूरज के सामने सूर्य नमस्‍कार करने से शरीर में विटामिन डी जाता है, जिससे खूब सारा कैल्‍शियम हड्डियों दृारा सोख लिया जाता है
6, तनाव भगाए दूर :सूर्य नमस्‍कार करते वक्‍त लंबी सांस भरनी चाहिये, जिससे शरीर रिलैक्‍स हो जाता है। इसे करने से बेचैनी और तनाव दूर होता है तथा दिमाग शांत होता है।
7,पाईल्स और कब्ज़ पीडितो कोआम,आगे की ओर झुकाव करने से कब्‍ज और पाइल्‍स की समस्‍या नहीं होती। यह करने से पेट की पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।
8.नींद के लिए सर्वत्तम :लोगों में अनिंद्रा की समस्‍या आम हो गई है तो ऐसे मे सूर्य नमस्‍कार जरुर करना चाहिये। इससे शरीर रिलैक्‍स हो जाता है, जिससे रात को अच्‍छी नींद आती है।
9.खून को करे संतुलित :सूर्य नमस्‍कार करते वक्‍त आप अपने शरीर के हर हिस्‍से का प्रयोग करते हैं जिससे आपके शरीर में खून का दौरा तेज हो जाता है। ऐसा होने पर शरीर में पूरे दिन एनर्जी भरी रहती है।

१०.महिलाओ का लिए :कई महिलाओं में अनियमित पीरियड्स होते हैं जो कि सूर्य नमस्‍कार को नियमित रूप से करने से ठीक हो जाता है। यह हार्मोन को भी बैलेंस करता है।
११.त्वचा की हिफाजत :इसे नियमित रूप से करने पर शरीर में खून का दौरा तेज होने के साथ पेट भी सही रहता है। साथ ही चेहरे से झुर्रियां मिट जाती हैं।
१२.मन को करे काबू में :योगा करने से आपका शरीर पूरी तरह से फ्री हो जाता है। इसको करने से वात, पित्‍त और कफ दोष शांत हो जाते हैं। इससे शरीर स्‍ट्रेस से दूर अध्‍यात्‍म की ओर चला जाता है।

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