फिर बुजुर्ग को मौत के घाट उतरा हाँथी:जिम्मेदार वन विभाग का गैर जिम्मेदरान हरकत उजागर

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वन विभाग की उदासीनता एवम लापरवाही की बलि चढ़ा बुजुर्ग 

जोगी एक्सप्रेस 

ब्यूरो अजय तिवारी 

सुरजपुर – जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के बंशीपुर के धुमाडाढ जंगल मे आज सुबह करीब 6बजे दल से बिछडा दतैल हाथी एक वृध को पटक पटक कर मार डाला ।मिली जानाकारी के अनुसार आज सुबह धुमाडाढ निवासी महेश आ0 दुखन जाती गोड उम्र 58वर्ष अपने पत्नी व बच्चे और पडोसीयो के साथ जंगल तेंदुपता तोडने जंगल गया था ।इसी बिच अचानक दल से बिछडे दतैल हाथी को देख पत्नी अवाज लगाई भागने के लिऐ जहा से सभी ग्रामिण भागने लगे इसी बिच मृतक को हाथी करीब 100मिटर दौडाकर सुड मे पकड कर घसीट घसिट कर मार डाला ।किसी तरह वहा मौजुद लोग भाग कर जान बचाई ।ग्रामिण ने बताया कि इस जंगल हाथी आने कि किसी तरह का कोई जानकारी वन विभाग द्वारा नही दी गई थी जिसका परिणाम दतैल के काल के गाल मे वृद्ध समा गया । बताया जा रहा है कि मृतक अपने ससुराल मे रहता था। पिछले डेढ वर्ष  पहले भी मृतक के ससुर को हाथियो ने मौत के घाट उतार दिया था ।मृतक के करीब कुल 8बच्चे है । घटना के जानकारी मिलते वन विभाग के टीम व भटगांव पुलिस थाना प्रभारी पि के तिवारी अपने दल बल के साथ घटना स्थल पहुच शव को पंचनामा करा परिजन को शौप दिये ।क्षेत्र मे बड रहे  हाथियो के आंतक से वन विभाग के कार्यप्रणाली पर सवालिय निशान लगने लगा है ।

क्षेत्र मे दो दल मे विचरण कर रहे है हाथी

मिली जानकारी के अनुसार सोनगरा व बंशीपुर सर्किल मे दो दल मे होकर हाथी विचरण कर रहे है ।जिससे ग्रामिण दहसत मे जिवनयापन करने पर विवस हो रहे है इसके लिऐ विभाग किसी तरह के  ठोस पहल नही कर रहा है ।

एक जिंदगी का मोल  मात्र 4 लाख 

वन विभाग द्वारा हाथियो से सुरक्षा करने के बजाय एक जान को 4लाख कि मुआवजा देकर अपना खानापुर्ती कर अपना कर्तव्य निर्वाहन कर रहे है जिसके वजह से ग्रामिण मौत के घाट लगतार उतर रहे है अब तक प्रतापपुर क्षेत्र मे इस वर्ष 6लोग को मौत के घाट हाथियो ने उतार दिया इसके बाद भी किसी तरह के कारगर उपाय धरातल पर नही दिख रहा है ।

सोलर बिजुका भी हुआ असफल 

  क्षेत्र मे बड रहा लगतार हाथियो के आंतक से निपटने वन विभाग द्वारा तैयार किये गये सोलर विजुका जो कि एक पुतला है इसमे करेंट लगा कर हाथियो को इंसान से दुर रखने का प्रयास किया गया मगर यह भी उपाय वन विभाग के लिए विफल होता दिख रहा है ।सवाल अब यह है कि आखिर कब तक हाथी व इंसान के बिच जंग का सामना खरना पडेगा और कितने ग्रामिण को अपना घर का चिराग खोना पडेगा ।

इस संबंध में वनमंडलाधिकारी सूरजपुर से उनके मोबाईल पर  सम्पर्क करना चाहा गया परंतु फ़ोन रिसीव नही किये जाने  के कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका |

 

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