पहले शौचालयों की सुधार तब जाँच करेंगे सरकार : भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारियो की नई चाल

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अधिकारियो के द्वारा   शौचालयों की सुधार कराने के बाद की गयी जांच में भी आ रही भ्रष्टाचार की बदबू 

भाजपा नेताओं की उपस्थिति ने जांच को बनाया सन्देहास्पद

जोगी एक्सप्रेस 

ब्यूरो अजय तिवारी 

प्रतापपुर। अन्ततः जांच दल घटिया शौचालयों के सुधार कर लेने के बाद जांच करने गृहमंत्री के गोदग्राम धुमाडांड पहुंचा,जांच से पहले दोषी पंचायत और अधिकारियों को दल ने सुधारने का पर्याप्त समय तो दिया लेकिन सुधार के बाद भी जमकर अनियमितता सामने आयी,हालांकि मात्र बत्तीस शौचालयों की जांच ही आज की जा सकी लेकिन जांच दल के मुखिया ने ईमानदारी से जांच प्रतिवेदन देने की बात कही है जबकि मौके पर भाजपा नेताओं की उपस्थिति ने जांच को सन्देहास्पद बना दिया है।

   उल्लेखनीय है कि छतीसगढ़ के गृहमंत्री के गोदग्राम धुमाडांड जिसे सरकारी रिकॉर्ड में ओडीएफ घोषित किया जा चुका है में घटिया शौचालयों की जांच के लिए जांच दल का गठन किया गया था जिसमें दल का मुखिया जिला पंचायत में तकनीकी सहायक नवनीत मिश्रा को बनाया गया था लेकिन जांच की बजाए प्रशासन और पंचायत को शौचालयों को सुधारने का समय दे दिया गया था ताकि मामले को दबा दोषियों को बचाया जा सके। जांच दल द्वारा जांच न करने तथा जांच से पहले शौचालयों को सुधारने का मौका देने की बात सामने आने के बाद रविवार को नवनीत मिश्रा जांच करने धुमाडांड पहुंच गए, उनके साथ आरईएस एसडीओ हरिनारायण राज व अन्य लोग भी थे।इस दौरान उन्होंने शिव प्रसाद,शिव बालक,राजकुमारी,जमुना सिंह,इन्द्रसेन,गोपान,शोधन,रामधनी सहित करीब बत्तीस लोगों के शौचालयों की जांच की,हालांकि पंचायत ने अधिकारियों की सह पर अधिकांश शौचालयों को जांच से पूर्व ही सुधार लिया था फिर भी जांच दल को शौचालयों में जमकर अनियमितता दिखी,कहीं छत में शीट उखड़ा हुआ था तो कहीं घटिया और उखड़े दरवाजे मिले, कहीं लेटरिंग शीट नहीं थी तो कहीं दीवालों में प्लास्टर नहीं था। दीवालों के लिए खोदी गयी नीवं नही के बराबर मिली और कई शौचालयों की दीवार ही गायब मिली,सबसे कमाल की बात तो यह दिखी कि छत की शीट को पतली लकड़ी में टिका शौचालय तैयार कर दिया गया है,जांच दल ने शौचालयों ने उक्त शौचालयों का भौतिक सत्यापन कर मौके पर मेजरमेंट किया।गौरतलब है कि मामला गृहमंत्री के गोदग्राम धुमाडांड का है जो सरकारी रिकॉर्ड में तो ओडीएफ ग्राम है लेकिन नब्बे प्रतिशत लोग खुले में शौच करते हैं,जिसका कारण लोगों में जागरूकता का अभाव नई बल्कि आधे अधूरे और शौचालयों का घटिया निर्माण है। शौचालय निर्माण में भ्र्ष्टाचार और कमीशनखोरी का इससे अच्छा नमूना और कहीं शायद ही देखने को मिले जिसके कारण अधिकाँश शौचालय आज भी अधूरे हैं और बारिश में ढह गए हैं।

अधूरी हुई जॉच,लगेगा समय

आज जांच दल द्वारा हुई शौचालयों की जांच पूरी नहीं हो सकी और मात्र बत्तीस शौचालयों की ही जांच हुई जबकि रिकॉर्ड में स्वच्छता अभियान के तहत करीब 654 शौचालयों का पूर्ण निर्माण बताया गया है। नवनीत मिश्रा ने बताया कि एक दिन में इतने शौचालयों की जांच सम्भव नहीं है फिर शिकायतें के तरह की हैं,पूर्व में अन्य मदों से बने शौचालयों को भी नव निर्मित बताने की भी शिकायत है और पूरी तरह से जांच करने मदन लम्बा समय लगेगा क्योंकि एक एक शौचालय का भौतिक सत्यापन करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वे शौचालयों की सिर्फ तकनीकी जांच ही कर सकते हैं बाकी जांच एसडीएम से करानी पड़ेगी।

भाजपा नेता को अधिकारी ने गाड़ी से उतारा

जांच दल के साथ कुछ स्थानीय और प्रतापपुर के भाजपा नेता भी घूम रहे थे जो दल को अपने हिसाब से घुमा रहे थे और अपने हिसाब से उन्हीं शौचालयों की जांच जरा रहे थे जो उनकी नजर में ठीक ठाक थे। इस दौरान वहां पहुंचे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता जीशान खान ने इसका विरोद्ध किया जिस पर नवनीत मिश्रा ने इस बात से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए भाजपा नेताओं को उनकी गाड़ी से उतरने कह दिया ताकि कोई उनकी जांच पर संदेह न करे।

अधिकारियों को बचाने सचिव पर हो सकती है कार्यवाही

धुमाडांड में ओडीएफ के नाम पर फर्जीवाड़ा और शौचालय निर्माण में हुए जमकर भ्र्ष्टाचार के लिए जिले और जनपद के सम्बन्धित समस्त अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं क्योंकि सब् कुछ देखते हुए भी कमीशन के चक्कर में अपनी आंखें बंद कर ली जिसका परिणाम सामने है। कमीशन के चक्कर में पहले तो सबने मिलकर स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा शौचालयों की दुर्गति कर दी अब सबको मामले में फंसने का डर सता रहा है क्योंकि निश्चित है शौचालयों की जो स्थिति है आज नई तो कल मामला और गम्भीर होने वाला है। सूत्रों के अनुसार सभी को कार्यवाही का डर सताने लगा है चाहे वह जिले के लोग हों या जनपद के,और वे खुद को बचाने सचिव अनिल गुप्ता को बलि का बकरा बनाने की तैयारी में जुट गए हैं और जल्द ही उस पर कार्यवाही कर खुद को सुरक्षित रखने का उपाय कर सकते हैं।

घटिया शौचालयों के बावजूद भुगतान ही साबित कर रहा सबकी मिलीभगत

धुमाडांड में शौचालयों की क्या स्थिति है किसी से छिपा नहीं है फिर भी पंचायत को कई मदों से नियम के विपरीत भुगतान के सवाल खड़े कर रहा है तथा सबकी मिलीभगत और कमीशनखोरी प्रमाणित कर रहा है। गौरतलब है कि एक शौचालय के लिए बारह हजार रुपये शासन से स्वीकृत हुए हैं जिसमें बेहतर शौचालय का निर्माण कराया जा सकता है किन्तु पैसों के बन्दर बाँट के कारण यहां एक शौचालय में तीन से चार हजार रुपय ही खर्च किया गया है।  बताया जा रहा है एक शौचालय में सात से आठ हजार रूपए का बन्दर बाँट पंचायत से लेकर जिला तक हुआ है जिसमें सभी का हिस्सा है चाहे वह छोटा कर्मचारी हो या बड़ा अधिकारी। मिली जानकारी के अनुसार जनपद में किसी भी पंचायत को इतना पैसा नहीं दिया गया है जितना धुमाडांड को । अड़तीस लाख रूपए शौचालय मद से उन्हें दिया जा चुका है,जनपद के अन्य मदों से नियम के खिलाफ भुगतान किया गया  तथा सचिव द्वारा पंचायत के विकास के लिये आने वाले अन्य मदों जैसे चौदहवां वित्त का पैसा भी शौचालय में लगा दिया है जो नियम के विरुद्ध है इन सब परस्थितियों से यह साफ दिखता है कि अधिकारी सचिव पर कितना मेहरबान हैं,यह चर्चा में भी रहता है कि पैसों के दम पर तह सचिव जिले और जनपद में सबका खास है।

भाजपा पार्टी के नेताओ की  जवाबदारी क्या…….?

स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है जिसके लिए वे पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं और इसी सपने के लिए शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करना क्या केवल खुद नरेंद्र मोदी की ही जवाबदारी है या देश की जनता और भाजपा के नेताओं की भी है। भाजपा नेताओं को जहां मोदी के सपने पूरे करने पूरी ताकत लगा देनी चाहिए वहीं इन्होंने इन योजनाओं को केवल कमाने का जरिया बना लिया है अधिकारियों के माध्यम से। कभी कोई भी नेता योजनाओं के उचित क्रियान्वयन कराने में रुचि लेता नहीं देखता और जब गृहमंत्री के गोदग्राम में ही शौचालयों की दुर्गति के बावजूद न गृहमंत्री को कोई मतलब है न और किसी नेता को, मतलब की तो बात ही दूर उलट सभी मामले को दबाने और उनके लिए कमाई का जरिया अधिजारियों और सचिव को बचाने में लग गए है। अब जब गृहमंत्री के गोदग्राम धुमाडांड जिसे स्वर्ग बन जाना चाहिए कि यह दुर्गति है तो बाकी जगहों की क्या स्थिति होगी और भाजपा के लोग कितनी जवाबदारी निभाते होंगे समझा जा सकता है।

ईमानदारी से दूंगा प्रतिवेदन-नवनीत मिश्रा

शौचालयों की जांच कर रहे जिला पंचायत के तकनीकी सहायक नवनीत मिश्रा ने कहा कि जांच लम्बी है अभी कुछ शौचालयों की तकनीकी जांचं की है जिनमें अनियमितता तो दिख ही रही है, में किसी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव में नहीं हूं और जो देखा है वही लिखूंगा,मुझ पर किसी का प्रभाव नहीं पड़ेगा।

मामले को दबाने का प्रयास,होगा आंदोलन-जीशान 

धुमाडांड में ओडीएफ के नाम पर किये गए फर्जीवाड़े के खिलाफ शुरू से ही आवाज उठा जनता कांग्रेस के जीशान खान ने कहा कि इतने बड़े फर्जी वाड़े के बावजूद पूरा शासन और प्रशासन मामले को दबाने में लग गया है,कल जांच के दौरान ऐसा लग रहा था मानो जांचं अधिकारी नई भाजपा नेता जांच कर रहे हैं। लेकिन वे और उनकी पार्टी चुप नही बैठेगी और मामले को लेकर आंदोलन करेगी क्योंकि इस भ्रष्टाचार से सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीणों का हुआ है।

इस संबंध में जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी  संजीव झा से उनका पक्ष ज्ञात करने हेतु सम्पर्क किया गया तो पूर्व की ही भाँती उनके द्वारा फ़ोन रिसीव नही किया जिसके पश्चात उनके वाट्सअप पर सम्बंधित समाचार को पोस्ट कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गयी फिर भी उनके द्वारा कोई प्रतिक्रिया नही दी गयी  जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि साहब के द्वारा  जिले में शौचालय निर्माण में जो अनियमितताएं एवम भ्रस्टाचार विद्यमान है उसको पूर्ण रूप से समर्थन दिया जा रहा है ।

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