लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की कोई संभावना नहीं : मुख्य चुनाव आयुक्त

0

औरंगाबाद। मुख्य चुनाव आयुक्त ने गुरुवार को साफ कर दिया कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव फिलहाल साथ नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, दोनों चुनाव साथ कराने के लिए कानूनी ढांचागत व्यवस्था होनी चाहिए जो इस समय नहीं है। उल्लेखनीय है कि दोनों चुनाव साथ कराने का प्रस्ताव काफी समय से चर्चा में है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा इसके पक्ष में है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में इसके पक्ष में व्यापक बहस की आवश्यकता जताई थी।

हाल के हफ्तों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के प्रस्तावित विधानसभा चुनाव टालने की चर्चा चली थी। संभावना जताई जा रही थी इन्हें अप्रैल-मई 2019 के प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के साथ कराया जा सकता है।  मिजोरम में विधानसभा का कार्यकाल 15 दिसंबर, 2018 को पूरा हो रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ में पांच जनवरी, मध्य प्रदेश में सात जनवरी और राजस्थान में 20 जनवरी, 2019 को मौजूदा विधानसभा का समय पूरा हो रहा है। लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने इस चर्चा को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एक साथ चुनाव का कोई चांस नहीं। निकट भविष्य में ऐसा होना संभव नहीं है, क्योंकि इसके लिए आवश्यक ढांचा मौजूद नहीं है।

ईवीएम मशीनों की ‘‘नाकामी’’ की शिकायतों से जुड़े एक प्रश्न पर रावत ने अफसोस जताया कि भारत के कई हिस्सों में ईवीएम प्रणाली के बारे में व्यापक समझ नहीं है. उन्होंने कहा कि नाकामी की दर 0.5 से 0.6 प्रतिशत है और मशीनों की विफलता की ऐसी दर स्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि मेघालय विधानसभा उपचुनाव में आज वीवीपीएटी के खराब होने की शिकायतें आईं लेकिन उनसे बचा जा सकता था, अगर अधिकारियों ने उच्च नमी कागज का इस्तेमाल किया होता. यह ध्यान रखना था कि राज्य में काफी बारिश होती है. रावत ने कहा, ” क्या आप जानते हैं कि चेरापूंजी में सबसे ज्यादा वर्षा होती है, उसी राज्य में है.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *